54 साल में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगा!

  मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के कल सामने आये वीडियो से वास्तव में परेशान हैं. सीजेआई ने कहा कि इस तरह का कृत्य बिल्कुल अस्वीकार्य है! कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे! लोकतंत्र में इस तरह की स्थिति और कृत्य बिल्कुल अस्वीकार्य है! 

 Manipur violence: मणिपुर में हिंसा रोकने और शांति बहाल करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने दिल्ली, बिहार, झारखंड, केरल, गोवा आदि राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं!णिपुर भले ही पूर्वोतर का छोटा राज्य हो लेकिन यहां की सियासत कम दिलचस्प नहीं है। मणिपुर में 1963 से अब तक  54 साल में 11 बार सरकारें बनीं तो वहीं 10 बार राष्ट्रपति शासन लगा! 1993 में कांग्रेस ने अपनी ही सरकार बर्खास्त किया था

2019 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के घमंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष को भले ही तवज्जो कम देते हो लेकिन 2001 में हिंसा हुई तब पीएम अटल बिहारी बाजपेई ने विपक्ष से मुलाकात की थी! इसीलिए कहा गया था कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, लेकिन अब भारत के लोग ही नहीं बल्कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा और फ्रांस में भी भारत के लोकतंत्र को लेकर  आशंका जाहिर की जा रही हैं! मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा कम नहीं हो रही है। राजनेताओं से लेकर आम लोगों के हजारों घरों को जला दिया गया है। लगभग 55 हजार लोग अपने घरों से दूर राहत शिविरों और सुरक्षा बलों के कैंपों में रहने को मजबूर हैं। 

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा था, सोनिया गांधी के संदेश के बाद केंद्र सरकार जागी है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने  वीडियो संदेश जारी किया था। इस संदेश में मणिपुर के लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। सोनिया गांधी ने कहा कि इस हिंसा ने हमारे राष्ट्र की अंतरात्मा पर एक गहरा घाव छोड़ा है। मणिपुर में लोगों का जीवन तबाह कर दिया गया।

Manipur: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार 'सब ठीक है', की तरह व्यवहार करना कब बंद करेगी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कब बदला जाएगा। राज्य में बड़े पैमाने पर भड़की हिंसा को 78 दिन, जबकि महिलाओं को नग्न करके घुमाने और कथित तौर पर दुष्कर्म की भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं.

8 अप्रैल 1992 को मणिपुर में कांग्रेस की सरकार बनी थी। राजकुमार दोरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए। तब भी हिंसा हो गई। उस वक्त नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे और अपने मंत्रिमंडल की सलाह पर राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 22 साल पहले 18 जून 2001 को मणिपुर में हिंसा हुई।  तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। विपक्षी दलों ने वाजपेयी से मिलने का समय मांगा। अटल बिहारी वाजपेयी ने छह दिन बाद ही सर्वदलीय बैठक बुलाई। इतना ही नहीं, उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील की। लेकिन पीएम मोदी आज तक शांति की अपील नहीं की! 

यराम रमेश के मुताबिक, इस बार मणिपुर में हो रही हिंसा के मद्देनजर कांग्रेस सहित 10 पार्टियों ने प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा शुरु होने से पहले मुलाकात का समय मांगा था। पीएम मोदी ने उन्हें समय नहीं दिया। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को बर्खास्त कर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की और बगैर देर किए, एक सर्वदलीय शिष्टमंडल मणिपुर भेजा जाए।  कहा, इतना ही नहीं पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में पूर्व सीएम ओ इबोबी सिंह को तीन घंटे की बैठक में अपनी बात रखने के लिए केवल सात मिनट दिए गए। जबकि कि इबोबी सिंह 15 साल तक मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे हैं और, वहां की वस्तु स्थिति से पूरी तरह अवगत हैं! 

र्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही मणिपुर की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। समस्या का समाधान ढूंढने के लिए हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने पीएम मोदी को मणिपुर की स्थिति से अवगत कराया।  इस बैठक से पहले कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि यह बैठक बहुत देर से हो रही है। अगर मणिपुर के लोगों के साथ बातचीत की कोशिश दिल्ली में बैठकर की जाएगी, तो इसमें गंभीरता नहीं दिखेगी। राहुल गांधी ने कहा था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर हैं, तब यह बैठक बुलाई जा रही है। मतलब यह बैठक पीएम के लिए महत्वपूर्ण नहीं थी। 

णिपुर में हिंसा मामले को लेकर पहली बार राष्ट्रपति शासन 19 जनवरी 1967 से 19 मार्च 1967 यानी 66 दिन तक लगाया गया था। दूसरी बार  116 दिन और तीसरा बार  157 दिन चौथी बार 28 मार्च 1973 से 3 मार्च 1974 तक राष्ट्रपति शासन लगा था। पांचवीं बार  43 दिन के लिए राष्ट्रपति शासन लगा। छठी  60 दिन सातवीं बार 28 फरवरी 1981 से 18 जून 1981 तक राष्ट्रपति शासन लगा। आठवीं बार  91 दिन  नौंवी बार  347 दिन तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा। तब इसका कारण नगा और कुकी समुदाय के बीच हिंसा हुई थी। वह हिंसा लंबे समय तक चली, जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे। दसवीं बार 2 जून 2001 से 6 मार्च 2002 तक 277 दिन के लिए राष्ट्रपति शासन लगा था।

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