शुक्रवार को 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान करते हुए चुनाव का बिगुल बजा दिया है। इस बार चुनावी खर्च की सीमा में 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। इन पांच राज्यों में केरल, पांडिचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और असम राज्य शामिल हैं। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा और परिणम 2 मई को घोषित किए जाएंगे। पश्चिम बंगाल और असम में नामांकन के साथ 2 मार्च से महापर्व की शुरुआत हो जाएगी। करोना कॉल के समय में होने वाले मतदान को 1 घंटे बढ़ाया गया है।
शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 8 चरणों में मतदान होगा। असम में 3 चरणों में मतदान कराए जाएंगे। तमिलनाडु, केरल और पांडिचेरी में एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा। बता दें कि पिछली बार पश्चिम बंगाल में 7 चरणों में मतदान कराया गया था। इन राज्यों में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। लगभग तीन लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी इलेक्ट्रॉनिक बैलट सुविधा के जरिए मतदान कराएंगे। संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर ली गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जा रही है।
5 लोग ही घर जाकर कर सकेंगे चुनाव प्रचार: नामांकन के लिए प्रत्याशी के साथ दो लोग जा सकेंगे। घर-घर प्रचार में प्रत्याशी सहित सिर्फ पांच लोगों को अनुमति दी गई है। नामांकन के लिए ऑनलाइन फीस जमा कराने की सुविधा है। सीबीएसई परीक्षा और त्यौहार के दिन मतदान नहीं होगा। पश्चिम बंगाल में मतदान की तारीखों में काफी अंतर है।
पश्चिम बंगाल में 294 सीटों के लिए मतदान 27 मार्च, 1, 6,10,17,22, 26 ,और 29 अप्रैल को होंगे।
असम में 126 सीट के लिए मतदान 27 मार्च 1 व 6 अप्रैल को कराए जाएंगे।
तमिलनाडु में 234 सीटों के लिए 6 अप्रैल को मतदान होगा।
केरल में 140 सीटों के लिए मतदान 6 अप्रैल को होगा।
पांडुचेरी में 30 सीटों के लिए मतदान 6 अप्रैल को कराया जाएगा।
इसके साथ ही 14 राज्यों की 18 विधानसभा सीटों और केरल की मल्लापुरम, तमिलनाडु की कन्याकुमारी, कर्नाटक की बेलग्राम और आंध्रप्रदेश की तिरुपति लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 6 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा।
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