इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि लंबे समय से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमितीकरण का हकदार है। सरकार किसी से दैनिक या तय वेतन पर दशको तक काम नहीं ले सकती है।न्यायमूर्ति एके मिश्र ने दैनिक कर्मचारी को नियमित करने से इनकार करने का आदेश रद्द करते हुए सेवा नियमित करने पर विचार करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एके मिश्र ने जौनपुर के चंद्रमणि की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ताओं ने कहा कि याची जिला विकास कार्यालय जौनपुर में 1992 से इलेक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत है। उसे नियमित वेतन भुगतान किया जा रहा है। सेवा के 29 साल बाद नियमित करने की मांग की जो कि 22 मार्च 18 को अस्वीकार कर दिया गया। जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि 2016 में सेवा नियमितीकरण नियमावली बनी। नियम 6-1 में व्यवस्था दी गई कि सरकारी विभाग में 31 दिसंबर 2001 तक जितने भी तृतीय और चतुर्थ स्थाई कर्मचारी हैं नियमित किए जाने के हकदार हैं।

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