सीहोर जिला जो मध्यप्रदेश में है! यहाँ कुबेरेश्वर धाम है!पुजारी पंडित प्रदीप मिश्रा भगवान भोले नाथ की कथावाचन के साथ ही अभिमंत्रित रुद्राक्ष भी बांटते हैं। कुबेरेश्वर धाम में 16 फरवरी से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष वितरण और शिव कथा का आयोजन होना था, लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण रुद्राक्ष वितरण बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को भी रुद्राक्ष वितरण बंद था। गुरुवार को कुबेरेश्वर धाम में भीड़ अनियंत्रित होने से भगदड़ में महाराष्ट्र की एक महिला की मौत भी हो गई थी। आगे कुबेरेश्वर धाम की जानकारी से पहले एक नजर इधर भी डाल लेते हैं
सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य वह बिहार के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस कि कुछ चौपाइयां हैं जिसमें sc.st.obc और महिलाओं की भावना को ठेस पहुंचती है उनको प्रतिबंधित करने की मांग उठाई है यह अलग बात है कि धर्म के ठेकेदार स्वामी प्रसाद मौर्य का सर तन से अलग करने जीब काटने और नाक कान काटने की धमकी दी गई और अयोध्या के संत ने लाखों रुपए का इनाम घोषित किया! सत्य कड़वा होता है लेकिन सत्य तो सत्य है!
तुलसी दुबे ने मुगलों के लिए कुछ नहीं लिखा और क्षत्रिय वैश्य जिनसे भाई था उनको चौपाई लिखा कि समरथ को नहिं दोष गुसाईं... नारी चाहे जितना पढ़ी लिखी हो लेकिन आठ अवगुन जरूर रहेंगे चौपाई है अवगुन आठ सदा उर रहहीं.... शूद्रों को पढ़ने लिखने का अधिकार ना होना आदि कई चौपाइयां हैं जिनसे समाज में निराशा और कुंठा के भावना जागृत होती है! रामचरितमानस में निर्गुण ब्रह्म की महत्ता को बताया गया है लेकिन आज भी लोग पत्थर पूजने और मंदिर पर ज्यादा भरोसा करते हैं चौपाई है बिनु पग चलै सुनै बिनु काना! बिनु कर कर्म करै विधि नाना! न्यायालय में रामचरितमानस की नहीं बल्कि श्रीमद्भागवत गीता की शपथ दिलाई जाती है! सांसद विधायक सबको संविधान के दायरे में रहकर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाते हैं!
हरदोई में ना काशी थी ना मथुरा और ना ही अयोध्या सिर्फ आस्था थी जहां भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर प्रहलाद की रक्षा की और हिरण्कश्यप को उसके श्राप स मुक्ति दी! साधु संतों वेद पुराणों में सब जगह मानव धर्म को सबसे बड़ा धर्म बताया गया है लोग अपने मां-बाप को तो वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं लेकिन मंदिर जाकर पत्थरों की पूजा करने में समय और धन की बर्बादी करते हैं!
आज अमृत काल में भी छुआछूत इतनी ज्यादा है कि बहुजन सूत्र मंदिर के मुख्य पुजारी नहीं हो सकते यहां तक की जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो मुख्यमंत्री आवास को पवित्र गंगा जल से धोया गया था! इसी कारण उस समय के निर्गुण कवियों ने तुलसी दुबे का बहुत ही विरोध किया था साथ ही कहा था कि यदि हरिजन के छू लेने से मंदिर का है कल्याण नहीं तो मैं यही कहूंगा मंदिर में पत्थर है भगवान नहीं!
जो लोग अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा करते हैं वह सभी सुख उनके आसपास घूमते हैं भगवान शिव और माता पार्वती के अग्रपूजा भगवान श्री गणेश ने चक्कर लगा कर कहा था कि हमने तीनों लोको की परिक्रमा कर लिया, क्योंकि माता का स्थान पाताल लोक और पृथ्वी से ऊंचा है और पिता का स्थान आकाश से बड़ा है वीडियो को पूरा देखिए आपको बहुत कुछ जानकारी मिलेगी
प्रशासन ने ज्यादा से ज्यादा 10 लाख लोगों के यहां पहुंचने की तैयारी की थी, लेकिन भीड़ इससे ज्यादा होने से प्रशासन व्यवस्था संभाल नहीं पाया। भोपाल-इंदौर हाईवे पर गुरुवार सुबह से ही कई किमी लंबा जाम लग गया था! लोगों को खुले में ही चादर बिछाकर रात काटनी पड़ रही है। भीड़ के कारण मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त हो गया है। नेटवर्क की दिक्कतों के चलते लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन नहीं कर पा रहे हैं। दो दिनों में करीब चार लाख से ज्यादा रुद्राक्ष बांटे जाने का दावा किया जा रहा है। दस टन से अधिक फलहारी प्रसादी का वितरण हुआ।
रुद्राक्ष न मिलने से आक्रोशित श्रद्धालुओं ने वहां बने 32 काउंटरों में तोड़फोड़ कर दी और बल्लियां भी उखाड़ फेंकी। इस बीच लगभग सात हजार लोगों की तबीयत खराब हो गई, जिन्हें कुबेरेश्वर धाम में बने स्वास्थ्य शिविर और जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
वहीं, कलेक्टर का कहना है कि कुबेरेश्वर धाम समिति ने शिव कथा आयोजन के लिए इजाजत ली थी और करीब छह लाख लोगों के आने का अनुमान था, प्रशासन ने 10 लाख लोगों के आने की व्यवस्था की थी, लेकिन लोगों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा, जिसके चलते व्यवस्थाएं ठप्प हो गई हैं। शनिवार को कथा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती के मंगल विवाह की झांकी सजाई गई थी!
कुबेरेश्वर धाम पर भव्य आयोजन का यह दूसरा वर्ष है। करीब 50 लाख से अधिक रुद्राक्ष नेपाल से श्रद्धालुओं के लिए मंगवाए गए हैं। इनसे छह फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया है। इन्हीं अभिमंत्रित रुद्राक्ष का वितरण कथा स्थल के पास बनाए गए काउंटरों से सातों दिन 24 घंटे तक होना था।
विठलेस सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि अब रुद्राक्ष का वितरण पूरे साल कुबेरेश्वर धाम में होता रहेगा। जो भक्त नहीं आ सकते, वे साल में कभी भी आकर यहां से रुद्राक्ष ले सकते हैं।
चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वरधाम पर जारी सात दिवसीय शिव महापुराण के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जिस कार्य को आप पूरी निष्ठा और सत्य के साथ करेंगे उसमें आपको सफलता मिलेगी। श्री शिवपुराण में भी लिखा है कि स्वयं कर्म करोगे तो दुख घटना शुरू हो जाएगा। कर्म की लिस्ट हम स्वयं तैयार करते है।
यदि मन मे अहंकार का भाव आ गया तो उसका पुण्य लाभ हमें नहीं मिलता। व्यक्ति का पेट भरने की जिम्मेदारी परमात्मा की होती है। पेटी भरने की जिम्मेदारी परमात्मा की नहीं होती है। परिवार दिया है इसलिए उसका पालन-पोषण करना भी उसकी जिम्मेदारी है। रिश्ते-नाते दिए हैं तो उनका निर्वहन करना भी उसकी जिम्मेदारी है।

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