'ऑपरेशन सिंदूर' जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह 


'ऑपरेशन सिंदूर': सनातन परंपरा और रामचरितमानस की चौपाई "जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे, तेहि पर बाँधेउँ तनयँ तुम्हारे" का अर्थ है: जिन्होंने मुझे मारा, मैंने उन्हें भी मारा, फिर भी तुम्हारे पुत्र ने मुझे बांध लिया। इसके बाद भी जब दुष्ट रावण नहीं माना तो हनुमान जी ने पेड़ पौधों सहित पूरी सोने की लंका को जला डाला। सनातन परंपरा अनुसार बोला जाता है कि विश्व का कल्याण हो।


भारत की दो वीर शक्तियों में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन के बारे में भारत सरकार की ओर से ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। भारत ने 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 6 मई 2025 की रात लगभग 1.30 ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया , जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (POK) में 9 आतंकवादी बुनियादी ढांचे स्थलों को निशाना बनाया गया। 

 ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और POK में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों का उद्देश्य केवल भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने में इस्तेमाल किए गए आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था। 

पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दोष 26 पर्यटकों को मौत की नींद सुला दिया इस कायराना हरकत की लगभग सभी देश निंदा कर रहे हैं। घटना के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने आतंकवादियों को जड़ से मिटाने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' की कार्रवाई की। भारतीय सेनाओं ने आतंकियों के ठिकानों में घुसकर आतंकवादियों और उनके समर्थकों का मनोबल को चकनाचूर कर दिया, लेकिन पाकिस्तान पर एक कहावत सटीक बैठती है कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। 
https://youtube.com/shorts/zg0ZStWFS98?si=sekwWddBa1wAIsF2

 पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से LOC पर बाज नहीं आ रहा। हमारे यहां एक और कहावत है कि देर है लेकिन अंधेर नहीं। सतयुग से लेकर आज तक हर दुष्ट को सुधर जाने का मौका दिया गया‌ राम ने रावण और बाली को भी मौका  दिया। द्वापर में कृष्ण ने भी दुष्टो को मौका दिया लेकिन जब नहीं सुधरे तो उनका हश्र सभी लोग आज भी देख रहे हैं। 
आज भारत और भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों से बाज आने का मौका दिया जा रहा है नहीं तो जो होगा देखा जाएगा। हम भी तैयार हैं। भारतीय सेना जब ठान लेती है तो पीछे मैदान साफ दिखाई पड़ता है। ये दुष्ट यह मत भूल जाना कि भारत के हर वर्ग के बच्चे में अपने क्रांतिकारी पूर्वजों का लहू दौड़ रहा है। 

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