पूर्वांचल के बाहुबली और हनक व ठनक के साथ हर सरकार में मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी का मंगलवार को गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्थित तिवारी हाता में अपने आवास पर शाम 7.30 बजे निधन हो गया। हरिशंकर तिवारी का जन्म बड़हलगंज के टांड़ा गांव में 6 अगस्त, 1934 को हुआ था। वह लगभग 88 साल के थे और लंबे समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे। बुधवार को बड़हलगंज स्थित मुक्ति पथ पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन के समय उनके बड़े बेटे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी घर पर ही मौजूद थे। उनके घर पर बड़ी तादाद में समर्थक भी पहुंच चुके हैं।
हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार से 5 बार विधायक रहने के दौरान कल्याण सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव की सरकार में अलग-अलग विभागों के मंत्री रहे। कांग्रेस में इंदिरा गांधी के जमाने में जेल से निर्दलीय चुनाव जीत कर उन्होंने इतिहास रच दिया था। इसके बाद उनका सियासी सफर कई दशक तक जारी रहा। उत्तर प्रदेश में सरकार चाहे जिसकी रही हो, लेकिन पंडित हरिशंकर तिवारी के प्रभाव में कभी कमी नहीं आई। और हर सरकार के मंत्रिमंडल में हरिशंकर तिवारी शामिल रहे! 1998 में कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री बने, तो बीजेपी के ही सीएम राम प्रकाश गुप्त और राजनाथ सिंह सरकार में भी मंत्री रहे।
इसके बाद मायावती और मुलायम सिंह यादव की सरकार में भी मंत्री रहे। 2007 में पूर्व पत्रकार राजेश त्रिपाठी ने हरिशंकर तिवारी को मात दी। इस चुनाव में पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2012 में दोबारा हार के बाद हरिशंकर तिवारी ने अपनी राजनीतिक विरासत बेटे विनय शंकर तिवारी को दे दी। बीजेपी के कल्याण सिंह ने 1998 में जब बसपा को तोड़कर सरकार बनाई, तो उन्हें हरिशंकर तिवारी का भी समर्थन मिला। अपने ट्वीट में भावभीनी श्रद्धांजलि! अर्पित करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व मंत्री श्री हरिशंकर तिवारी जी का निधन, अत्यंत दुखद ! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।
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