सांसद वरुण गांधी ने बैंकों के निजीकरण को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना


पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर हो चुके हैं। इसके पहले किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर हल्ला बोल चुके हैं। मोदी सरकार की विभिन्न क्षेत्रों में निजी करण का विरोध करते रहे हैं। सांसद ने कहां है कि निजीकरण से रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। अब बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण का यह कहते हुए विरोध किया कि जो कार्य सरकारी बैंक करते रहे हैं। शायद निजी बैंक न कर सके।

इसके पहले उन्होंने मांग की है कि गन्ने की एसएपी बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए और किसानों को बकाया भुगतान किया जाए।  वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा दो पन्नों का पत्र, पत्र में रखी किसानों के पक्ष में मांग, किसानों के गन्ने का करें बकाया भुगतान, मिलों तक गन्ना पहुंचाने, धान और गेंहू खरीद के लिए केंद्र बढ़ाने की मांग

गुरुवार को वरुण गांधी ने अपने ट्वीटर में लिखा कि बैंकों का निजीकरण करते समय ये भी देखना चाहिए कि सरकारी बैंक स्वयं सहायता समूहों की मदद करते हैं। एसएमई को लोन देने का काम करते हैं। लाखों लोगों को नौकरी देते हैं। ग्रामीण बैंकिंग उपलब्ध कराते हैं।  शायद ये सभी कार्य प्राइवेट बैंक न करें। सांसद ने बैंक कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करते हुए लिखा कि एनपीए वसूली में केवल बैंकों की विफलता के आधार मानकर बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है। कहा कि वित्त मंत्री जी से मार्मिक अपील है कि इससे प्रभावित सभी वर्गों से समग्र वार्ता करने के पश्चात ही बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 पर विचार किया जाए।

सांसद वरुण गांधी कभी पत्र तो कभी ट्वीटर के माध्यम से सरकार को असहज करने वाले सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नवनियुक्त कुलपति की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में व्याकरण संबंधी त्रुटियों को आधार बनाकर ट्वीट किया था। इससे पहले कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान संगठनों के लंबे चले आंदोलन के दौरान भी वह ट्वीटर व पत्रों के जरिए मुद्दे उठाते रहे। आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को उन्होंने शहीद बताया था।

इसके पहले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर से किसानों के समर्थन में आवाज उठाई है। उन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कुछ सुझाव रखे हैं। किसान आंदोलन के समर्थन में वरुण गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया था। किसानों को अपने भाई-बंधु बताते हुए कहा था कि सरकार किसानों से दोबारा बातचीत करनी चाहिए जिससे सर्वमान्य हल तक पहुंचा जा सके।


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