राहुल गांधी से संवाद में बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा कि अर्थव्यवस्था को खोलना कठिन टास्क है। एक संतुलित और स्पष्ट विचारों के जरिए लोगों के दिमाग से डर निकाला जाना चाहिए, और यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमने एक कठोर लाकडाउन लागू करने की कोशिश की जिसमें कई छेद हैं। आपने निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। आपने संक्रमण को नहीं बल्कि जीडीपी को नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक एशियाई देश होने के बावजूद हमने विरोध की ओर न देखकर इटली फ्रांस स्पेन ब्रिटेन और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों की ओर देखा पूर्व पश्चिम की और काटने की बजाए हमने यह क्यों नहीं कहा कि हम अस्वस्त मुल्क हैं।
एक भारतीय समाधान के साथ सामने आए दोषपूर्ण लाक डाउन से निश्चित है कि वायरस अब भी मौजूद है और जब आप लाक डाउन खोलेंगे तो यह फिर से आक्रमण करेगा । इसका अर्थ है कि आपने उस समस्या का समाधान नहीं किया है। बजाज की बातों से सहमत जताते हुए राहुल गांधी ने कहा, आपने जो कड़वी मीठी बातें बताई हैं यह मेरे लिए चौंकाने वाली है । अमीर लोग इस हालात से निपट सकते हैं लेकिन गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए यह भयानक है।
डर के सवाल पर बजाज ने कहा कि लोग मेरे पिताजी की तरह बोलने का जोखिम नहीं उठा पाते। हमें स्वीकार करना चाहिए कि कुछ वर्षों में यूपीए-2 और nda-1 के बहुत सारे कंकाल अलमारी से बाहर आ चुके हैं । इसलिए व्यवसाई भी दूध के धुले नहीं हैं।
देश में मांग पैदा करने की आवश्यकता है और इसके लिए लोगों को नकदी मुहैया कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह नहीं समझ पा रहे हैं कि इसके लिए कोई मजबूत पहल क्यों नहीं हो रही है। लोगों के मिजाज के लिए 6 माह से 1 साल तक प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए ताकि मांग पैदा हो सके। उन्होंने जापान और अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्रत्येक नागरिक को प्रोत्साहन नहीं बल्कि मदद के लिए $1000 दिए गए।

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