लखनऊ एसजीपीजीआई ने कोरोना वायरस की जांच के लिए एक किट विकसित की है इस किट से 30 मिनट में कोरोना की जांच की जा सकेगी इस जांच के लिए लगभग ₹500 खर्चा आएगा जो अभी 4 से 5 हजार तक आ रहा है। इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है स्वीकृति मिलने के बाद जांच की दिशा में कदम आगे बढ़ाया जाएगा।
एसजीपीजीआई के मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर स्वाति तिवारी ने बताया कि उनकी टीम ने कोविड-19 की जांच में आ रहे खर्च को कम करने की रणनीति पर काम किया इसी के तहत एक किट विकसित की गई है।
प्रोफेसर स्वाति तिवारी ने बताया कि वैज्ञानिकों ने जांच तकनीक का प्रशिक्षण सिंथेटिक कोरोना वायरस आर एन ए राइबो न्यूक्लिक एसिड पर किया जिसमें वह सफल रही हैं । सीधे मरीज के नमूने पर जांच नहीं की जाती है यह जांच तकनीक भी आधारित है।
मरीज के नमूने से आरएन ए निकाल कर उसने ही संक्रमण देखा जाएगा हालांकि उन्होंने पेटेंट के लिए आवेदन किए जाने की वजह से किट के तकनीकी पहलुओं का खुलासा करने से इंकार कर दिया। पेटेंट के बाद किट की वैधता की जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
अनुमोदन मिलने के बाद कंपनियां किट का निर्माण करेंगी और तमाम परीक्षण केंद्र इस किट का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए कई कंपनियां भी संपर्क में हैं। प्रोफेसर स्वाति तिवारी ने बताया किट विकसित करने वाली टीम मैं डॉक्टर रजनी शर्मा, डॉक्टर सुमन मिश्रा और डॉक्टर विनोद शामिल हैं।

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