केंद्र ने 1955 के अधिनियम में किया बड़ा बदलाव
एक देश एक कृषि बाजार का भी रास्ता हुआ साफ
किसानों को अपनी मर्जी के अनुसार फसल उत्पाद किसी भी कीमत पर कहीं पर भी बेचने की आजादी
केंद्र सरकार में 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर तिलहन, दलहन , खाद्य तेलों, आलू और प्याज जैसी वस्तुओं को सूची से बाहर कर दिया गया।अ आपत स्थिति को छोड़कर इन उत्पादों और वस्तुओं का किसी भी मात्रा में भंडारण किया जा सकता है।
किसान अपनी उपज मन मुताबिक कीमत पर बेच सकेंगे। केंद्र ने एक देश एक कृषि बाजार नीति के तहत किसानों को फसल कहीं भी बेचने के लिए कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार अध्यादेश और किसान व व्यापारियों को जोड़ने के लिए कृषि सेवा अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी।
भी पैकेज की योजनाओं को मंजूरी दी गई केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़कर ने बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के साथ ही उपभोक्ताओं का हित भी सुनिश्चित किया गया है।
अकाल, युद्ध, प्राकृतिक आपदा और कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि होने पर सरकार कीमतें नियंत्रित कर सकेगी। इस संशोधन से किसान कानूनी रूप से अधिक से अधिक कृषि उपज भंडारण कर सकेंगे। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार आत्मनिर्भर पैकेज की घोषणाओं को लगातार मंजूरी दे रही है।
सोमवार को किसानों सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों तथा रेहड़ी पटरी वालों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले हुए थे।

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