शासन प्रशासन और परिवहन विभाग प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के दावे कर रहा लेकिन गुरुवार को गंभीर लापरवाही सामने आई। रोडवेज संविदा चालक खराब हेड लाइट वाली बस में सवार 44 श्रमिकों को लेकर अंधेरे में आजमगढ़ के लिए रवाना हो गया। गनीमत रही कि रास्ते में कोई हादसा नहीं हुआ लेकिन श्रमिकों की नाराजगी के बाद मामला अब मामले में ड्राइवर की लापरवाही मानते हैं उस पर गाज गिरना।
अवध डिपो की एसी जनरथ बस यूपी 33 एटी 5856 का चालक गुरुवार रात लगभग 8:00 बजे खराब हेड लाइट वाली बस को 260 किलोमीटर दूर आजमगढ़ ले गया । उसने लगभग 7 घंटे के सफर में 44 श्रमिकों की जान जोखिम में डाल दी। रास्ते भर श्रमिक चालक से इस पर नाराजगी भी जताते रहे मगर चालक का आरोप है कि फोरमैन बस को ओके करने के बाद दिया है। बस की जांच में बैटरी और अल्टरनेटर भी काम नहीं कर रहा था जब उसने बस ले जाने से मना किया तो फोरमैन उसे जबरन बस ले जाने के लिए कहा इतना ही नहीं स्टेशन पर बस को धक्का लगाकर स्टार्ट करना पड़ा था।
अवध डिपो के एआरएम गोपाल दयाल बताया कि बस की लाइट ठीक नहीं थी इसलिए ड्राइवर को बस लेकर जाना ही नहीं चाहिए था अगर और दिक्कतें तो उसने कोई सूचना क्यों नहीं दी। यह ड्राइवर की मनमानी है घटना होने पर कौन जिम्मेदार होता। मामले में संविदा चालक से जवाब तलब किया गया है।

एक टिप्पणी भेजें
please do not comment spam and link