पुलिस के प्रशासनिक अधिकारी ने अपने रिश्तेदार जोकि पेशे से वकील शैलेंद्र निगम और उनके छोटे भाई भाजपा कार्यकर्ता रंजीत निगम के प्रार्थना पत्र पर जनरल गंज ठाकुरगंज लखनऊ निवासी महिलाओं और बच्चों पर फर्जी मुकदमा कराने का आदेश दे दिया जबकि घटना हुई ही नहीं!
मामला 23.7.2022 लगभग शाम 7:00 बजे का है जिसमे राकेश कुमार यादव अपने परिवार के खाने के लिए गांव से डाला भर के गेहूं ला रहे थे लेकिन रंजीत निगम और उनके बड़े भाई शैलेंद्र निगम ने यह कहकर डाला रुकवा दिया कि इस रोड को हमने बनवाया है हमारा समरसेबल रोड पर है वह टूट जाता है और हमारा चबूतरा भी टूट जाता है इसलिए हम डाला नहीं निकलने देंगे! इसके बाद राकेश यादव ने 112 पुलिस को सूचना दी पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन दबंग, का मामला होने के नाते 112 के सिपाही चले गए! इसके बाद सीओ चौक को फोन पर सूचना दी गई तब उन्होंने बालागंज चौकी इंचार्ज को मौके पर भेजा और वह भी लगभग 2 घंटे आरोपित से मनोबल करते रहे लेकिन काफी प्रयास के बाद आधा डाला है गेहूं घर तक जा सका! चौकी इंचार्ज फोन पर कह रहे थे कि आज गेहूं उतरवा लीजिए यहीं पर और कल थाने पर एप्लीकेशन दीजिए तब हम कार्रवाई करेंगे!
इस मामले को रंजीत निगम और उनके शैलेंद्र निगम ने अपनी प्रतिष्ठा बना लिया और कहा कि हम पूरे मोहल्ले पर मुकदमा करावा देंगे बच्चों का भविष्य खराब कर देंगे पुलिस के बड़े अधिकारी हमारे रिश्तेदार हैं आखिर में , शैलेंद्र निगम और रंजीत निगम की बात सही निकली और उनके प्रार्थना पत्र पर एडीसीपी बेस्ट लखनऊ ने मुकदमा लिखने का आदेश दे दिया.
सबसे खास बात यह है कि राकेश यादव 24 अगस्त से आज तक बालागंज चौकी से लेकर मुख्यमंत्री तक प्रार्थना पत्र दे रहे हैं लेकिन न ही कोई कार्रवाई हुई और न ही मुकदमा लिखा गया. इसलिए शैलेंद्र निगम और उनके छोटे भाई रंजीत निगम का हौसला बुलंद है और लोगों पर अनर्गल दबाव बना रहे हैं. साथ ही उस आरोपित महिलाएं बच्चे मानसिक प्रताड़ना के शिकार हो गए हैं यदि इस बीच कोई अनहोनी हो जाती है तो उसकी जिम्मेदारी पूरी प्रशासनिक अधिकारियों की होगी और पीड़ित महिलाओं का कहना है कि यदि , 26 अगस्त तक मुकदमा निरस्त कर और जिस अधिकारी के आदेश पर मुकदमा हुआ उनको पद से हटाया न गया तो 27 अगस्त से मोहल्ले की पीड़ित महिलाएं मुख्यमंत्री आवास पर धरना देने के लिए मजबूर होंगी.
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