दिल्ली के रामलीला मैदान पर किसानों की महापंचायत आज दिल्ली पुलिस ने दो हज़ार सुरक्षाकर्मी किए तैनात डरी सहमी केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को उनकी मांगों पर बातचीत के लिए बुलाया है! किसानों का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाक़ात करेगा! संयुक्त किसान मोर्चा के अविक साहा के अनुसार किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज़ करेंगे लेकिन ये सरकार के रुख पर निर्भर करेगा! कहा, “न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार ने जो आश्वासन दिया था, अब तक उसका ढांचा तैयार करने पर काम नहीं हुआ है.”
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ सीनियर नेता मामले को सुलझने नहीं दे रहे हैं! आरोप है कि, “किसानों के हितों को कुछ वरिष्ठ नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से नुक़सान हो रहा है.”बता दें कि तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ किसानों ने लगभग 13 माह जाड़ा गर्मी बरसात सहते हुए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया!
इस बीच लगभग 13 बार किसान और सरकार के बीच बातचीत हुई लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला और धरना प्रदर्शन के दौरान 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए लेकिन प्रधानमंत्री एक फोन कॉल की दूरी पर कहते हैं रह गए लेकिन बातचीत करने का मौका नहीं निकाला फिर एकाएक यह कहते हुए कि हमारी तपस्या में कुछ कमी रह गई जिससे कुछ किसानों को हम समझा नहीं पाए इसलिए हम तीनों नए कृषि कानून वापस लेते हैं और किसानों की मांगों पर विचार किया जाएगा लेकिन किसानों का आरोप है कि हमारी मांगे पूरी नहीं की गई!
सरकार ने प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी सहित उनकी लंबित मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था! किसानों ने सरकार के भरोसा दिलाने पर दिसंबर 2021 में अपना आंदोलन वापस ले लिया था!अब किसान पेंशन देने, कर्ज़ माफ़ी, किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को मुआवज़ा देने और बिजली विधेयक वापस लेने की मांग कर रहे हैं!
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