दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत के डेढ़ सौ करोड़ आबादी वाले देश में करोड़ों लोग जो कम पढ़े लिखे हैं या अनपढ़ हैं उनका अपमान किया है! अरविंद केजरीवाल को अपने पढ़े लिखे होने का घमंड हो गया है! वह कह रहे हैं कि 21वीं सदी के प्रधानमंत्री को पढ़ा लिखा होना चाहिए जबकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है! ऐसा बताया जाता है भले ही उन्होंने डिग्री नहीं दिखाई है!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वीडियो में यह कह रहे हैं कि हमारी पार्टी पढ़े-लिखे लोगों की है तो उनको बता देना चाहिए कि उनसे ज्यादा इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद पीएचडी किया है और आईईएस बन गए हैं! आपने तो देश की टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए पढ़ा-लिखा और संकल्प लिया था फिर आप राजनेता कैसे बन गए यह तो सवाल बनते ही हैं! क्या सभी इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद राजनेता बन जाना चाहिए उनको यही संदेश देना चाहते हैं तो हमारे देश की टेक्नोलॉजी का क्या होगा! भारत की टेक्नोलॉजी ने विदेशों तक अपना लोहा मनवा दिया है!
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आपकी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार मिटाने के लिए हुआ था लेकिन तीन अंगुली से ज्यादा आपकी तरफ उठ जा रही हैं ऐसा आरोप लग चुका है! सबसे बड़ी बात यह है कि भारत देश वीरों का देश रहा है यहां बुद्धिमानों की कमी नहीं रही है वह चाहे पढ़े लिखे हो या अनपढ़! आज तक जितने महान लेखक हुए हैं उनमें से अधिकांश अनपढ़ थे सूर कबीर तुलसी वाल्मीकि जिनकी रचनाओं का हम सब भारतवासी श्रद्धा आस्था और विश्वास के साथ पूजा पाठ करते हैं!
संविधान के अनुसार राजनेता बनने के लिए पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार छल कपट झूठ पाखंड नहीं होना चाहिए यह भारत की सनातन परंपरा है! झूठ बोला सबसे बड़ा पाप माना गया है और सत्य बोलना पुण्य माना गया है! न्यायालय में गीता की कसम खाकर कहते हैं कि जो कुछ कहेंगे सत्य कहेंगे सत्य के सिवा कुछ भी नहीं कहेंगे!
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