कॉलेजियम प्रणाली सही या गलत

 

कॉलेजियम प्रणाली को लेकर कानून मंत्री किरण रिजिजू और देश की सर्वोच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के विचारों में एकरूपता नहीं दिखाई पड़ती है! रामचरितमानस की चौपाई है स्वार्थ लागी करे सब प्रीति... जिसका अर्थ है देवता मुनि और साधारण मनुष्य सभी स्वार्थ के वशीभूत हो जाते हैं! 

सेवानिवृत्त के बाद या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राज्यपाल और राज्यसभा भेजना या फिर बड़े-बड़े पदों पर नियुक्ति चाहने वाले निष्पक्ष और पारदर्शी न्याय कैसे किया होगा यह तो हम नहीं कह सकते हैं लेकिन चौपाई के अनुसार उस पर सवाल जरूर बनता है और संविधान प्रदत्त बराबरी के हक को ठेस पहुंचाती है! और सनातन परंपरा के अनुसार राजा का बेटा ही राज्य का उत्तराधिकारी होगा! 

जब सतयुग द्वापर त्रेता में ऐसा होता था तो आज कलयुग में स्वार्थ के बस में बसीभूत होकर इससे कोई अछूता नहीं रह सकता! इसमें चाहे सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष हो या फिर कोई साधारण मनुष्य दिन भर भारत की सोने की चिड़िया और सोने का हिरण मारने के लिए कार्य करता है, ऋषि मुनि देवता और साधारण मनु चाहते हैं कि उसका बेटा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने और सभी सोने के हिरण को मारकर अपनी पत्नी को दे दे जिससे पत्नी खुश हो जाए और नारी शक्ति की भावना का आदर किया जा सके! 

यदि ऐसा है तो बुद्धिजीवी वर्ग के हक को मारकर उसका अपमान किया जाता है! जिस तरह से भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के फैसले न्याय संगत निष्पक्ष पारदर्शी दिख रहे हैं और उपरोक्त रामचरितमानस की चौपाई को झूठलाते हुए कार्य कर रहे हैं यदि इस पर आधारित है तो कॉलेजियम सिस्टम प्रणाली सोने जैसी खरी है और भारत के कानून मंत्री किरण रिजिजू का सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से असहमत होना न्याय संगत नहीं है! यदि ऐसा नहीं है तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भारत के डेढ़ सौ करोड़ आबादी में से कुछ फीसद बुद्धिमान लोगों के हक पर कुठाराघात है! 

यदि उपरोक्त रामचरितमानस की चौपाई गलत है तो सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य के अनुसार रामचरितमानस की कई  चौपाइयों पर सवाल खड़े होना लाजमी है! यदि देश के कानून मंत्री और भारत सरकार सही है तो सनातन परंपरा और धर्म को यह लोग नहीं मानते है! इसके बाद लगभग सवा सौ अरब आबादी के कुछ लोग जो हमारे चैनल के दर्शक हैं उनको यह तय करना है कि देश के कानून मंत्री किरण रिजिजू वाक्य सरकार सही है या फिर भारत के सर्वोच्च न्यायालय जो संविधान के अनुसार कार्य करते हैं उसके मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सही है या नहीं यह तो वह लोग अपना फैसला और विचार सुनाएंगे और हमें कमेंट करके बताएंगे कि इस मामले में दर्शकों के विचार क्या है! 

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