कोरोना वैक्सिनेशन का कुछ पर बिपरीत प्रभाव भी सामने आया है। दिल्ली में कोविड-19 लगने के बाद 52 लोगों की हालत बिगड़ी गई जिसमें से एक की हालत गंभीर बताई गई। वहीं उत्तर प्रदेश के उन्नाव की जिले की मांगरमऊ में वैक्सीन लगने के बाद एक की हालत बिगड़ गई। आशा कार्यकर्ता को डाॅक्टरों के कुशल नेतृत्व, निगरानी में रखने के बाद थोड़े ही समय उसकी हालत में सुधार आ गया। जिसको बाद में घर भेज दिया गया।
शनिवार को देश भर में कोविड वैक्सिनेशन लगाई गई। पहले दिन सफाई कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की डोज दी गई, लेकिन कुछ जगहों पर वैक्सीन लगने में बाद हालत बिगड़ने की शिकायतें भी आईं हैं। दिल्ली में 52 स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगने के बाद दिक्कतें होने लगी। इनमें से दो स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका की डोज लेने के कुछ घंटे बाद एलर्जी की शिकायत हुई। कुछ को घबराहट हुई। इनमें से एक कर्मचारी को सेंटर भेजने की नौबत आई है।
सरकार ने हर टीका बूथ के पास एक एईएफआई सेंटर बनाया है जहां टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव मिलने पर उपचार सुविधा मिल रही है। जिला प्रशासन के अनुसार उनके जिले में सात केंद्रों पर टीकाकरण आयोजित हुआ है।पहले दिन इन अस्पतालों में 305 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने टीका लगवाया है। नई दिल्ली जिला प्रशासन ने बताया कि चार स्वास्थ्य कर्मचारियों में से दो को सामान्य प्रतिकूल असर दिखाई दिए हैं, लेकिन खतरे की कहीं कोई बात नहीं है, जबकि अन्य दो में एलर्जी मिलने के चलते उन्हें अपने घर पर ही निगरानी में रखा गया है। अगले सात दिन तक इन लोगों की निगरानी जिला टीम करेगी।
उन्नाव। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री के कोरोना वैक्सीन आने पर दिए गए बयान कि भाजपा का टीका नहीं लगवाऊंगा पर बयानबाजी शुरू हो गई है। भाजपा ने इसे राजनीतिक बयानबाजी बताया है। प्रमुख विपक्षी दलों के जिलाध्यक्षों ने मिलीजुली राय व्यक्त की है।
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खुद बीमार! कैसे हो गरीब का इलाज?
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 17, 2021
मथुरा जिला अस्पताल में नहीं मिली बुजुर्ग महिला मरीज को स्ट्रेचर, ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा बेटा।
अमेठी जिला महिला अस्पताल में महिला डॉक्टर ना होने परेशानी।
लखीमपुर खीरी में फार्मासिस्ट चला रहे हैं अस्पताल। pic.twitter.com/Y14Bjd3ixB
'जनता की सुरक्षा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जिम्मेदारी है। जब तक उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं होता तब तक बदलाव नहीं आ सकता है'
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 17, 2021
~ प्रियंका गांधी जी pic.twitter.com/d8DPvOYAZQ

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