केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार दो मुंह वाला सांप और गिरगिटान से भी ज्यादा खतरनाक है। एक तरफ मोदी जी मुंह से सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं। दूसरी तरफ चीनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए निर्माण कार्य का ठेका दिया जाता है। जबकि पूरे भारत देश में लगभग चीनी उत्पादों का त्योहारों पर लोग झालर ना लगाकर, मिट्टी से बने दिए का प्रयोग कर चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं।
लोगों का मानना है कि जो काम चीनी कंपनियों को दिया जाता है क्या हमारे भारत देश में ऐसे इंजीनियर नहीं है या फिर निर्माण कार्य से संबंधित सामग्री नहीं है। जिससे निर्माण का कार्य चीनी कंपनियों को दिया जाना भारत की मजबूरी है। वह तब है जब लद्दाख में तनाव के बीच मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक कर कुल 106 मोबाइल एप को देश की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा के लिये नुकसानदेह बताते हुये रोक लगाई जा चुकी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
दिल्ली-मेरठ प्रोजेक्ट से जुड़े निर्माण का काम एक चीनी कंपनी को सौंपा गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन कारपोरेशन एनसीआरटीसी ने न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.6 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण का काम शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को सौंपा गया है। यह फैसला चीनी कंपनियों और उसके सामान के बहिष्कार की पिछले कई माह से चल रही मुहिम के बीच लिया गया है।
एनसीईआरटीसी देश के पहले क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम आरआरटीएस को क्रियान्वित कर रहा है। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि चीनी कंपनी को ठेका प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए दिया गया है।
एक तरफ मोदी सरकार का कहना है कि 3 नए कृषि कानूनों से किसानों का फायदा होगा उनकी आय दुगनी होगी, जबकि हकीकत में यह है कि मोदी सरकार अंबानी, अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए तीनों नए कृषि कानून लेकर आए हैं। यह उसी तरह है जैसे चीनी कंपनियों के ऐप पर बैन लगा कर उसका बहिष्कार किया जा रहा है। दूसरी तरफ चीनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए निर्माण कार्य का ठेका दिया जा रहा है।
किसानों का मानना है कि मोदी सरकार जवान और किसान के लिए मौत का सौदा करने वाली एक कंपनी है। स्वयं पाकिस्तान और चीन से दरियादिली दिखाते हैं लोगों को चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने के लिए मुंह से सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं। इससे यह साबित होता है कि दो मुंह वाला सांप और क्षण-क्षण में रंग बदलने वाला गिरगिट भी इस सरकार से ज्यादा अच्छा है।
क्या हुआ तेरा वादा... चुनाव के समय भय मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त आतंकवाद मुक्त का सपना दिखाने वाली मोदी कंपनी हर मोर्चे पर पूरी तरह फेल दिखती नजर आ रही है। अभी कहां गया था कि देश बिकने नहीं दूंगा देश झुकने नहीं दूंगा विदेशों से काला धन वापस आएगा लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपए आएंगे, रोजी-रोजगार चाहने वालों को हर साल 2 करोड़ बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था। अब बुरे दिन चले गए हैं और अच्छे दिन लाए जाएंगे।
कोरोना महामारी काल के चलते जब देश में कुरोना से ग्रसित कम लोग थे तब लगभग ढाई माह का लॉकडाउन देश ने सहन किया जब करोना के मरीज ज्यादा थे उस समय देश से लॉक डाउन हटा दिया गया। यहां तक कि सबसे पहले उत्तर प्रदेश में शराब के ठेकों को खोला गया था। प्रचार किया जा रहा था कि 2 मीटर की दूरी मार्क्स जरूरी। दूसरी तरफ सरकार में बैठे जिम्मेदार मंत्री नेता कनिका कपूर का प्रोग्राम कराकर देश में कोरोना महामारी को बढ़ावा देने का काम किया था, लेकिन भक्त लोग जमाती-जमाती के चिल्ला रहे थे जबकि एक भी जमाती कोरोना महामारी का शिकार नहीं हुआ। यह दोहरा चरित्र जनता कब तक बर्दाश्त करते रहेगी।

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