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| स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की निदेशक किंजल सिंह |
प्रदेश की 58656 ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया है।गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर बाकी 74 जिलों में प्रशासकों के हाथों में होगी ग्राम पंचायतों की कमान
लखनऊः उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर बाकी 58656 ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश गुरूवार को जारी कर दिए गये हैं। ग्राम निधि खातों पर भी रोक लगा दी गई है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को नामित किया है। एडीओ से निचले स्तर के अधिकारी प्रशासक नहीं बनाए जा सकते हैं।
गौतमबुद्द नगर में अभी ग्राम प्रधान काम करते रहेंगे। यहां की 88 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है। यहां मई 2016 में चुनाव हुए थे। यहां की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 14 जून 2021 को समाप्त हो जाएगा। साथ ही गोंडा जिले की 10 ग्राम पंचायतों का भी कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। प्रदेश की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने पर राज्य सरकार के पास दो विकल्प थे। या तो ग्राम पंचायतों में ज्यादा से ज्यादा छह माह के लिए प्रशासनिक समितियां गठित की जातीं या फिर प्रशासक तैनात किए जाते। राज्य सरकार ने प्रशासकों की तैनाती का रास्ता अपनाया है।
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव निर्वाचन के बाद ग्राम पंचायतों की पहली बैठक या अधिकतम छह माह की अवधि के लिए (जो भी पहले हो) प्रशासक की तैनाती की जाएगी। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने कहा कि तैनात किये जाने वाले प्रशासक से संबंधित ग्राम पंचायत, उसके प्रधान और समितियों की शक्तियां, कृत्य एवं कर्तव्य निहित होंगे। वे उनका प्रयोग संपादन और निर्वहन करेंगे।

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