कृषि कानून के मसले पर जारी उत्तर भारत में किसानों का आंदोलन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में जारी इन प्रदर्शनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों का समर्थन करता है। गुरु नानक जयंती के अवसर पर कनाडाई प्रधानमंत्री ने सिख कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया। इसी दौरान उन्होंने भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन पर जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत से किसानों के प्रदर्शन को लेकर जो खबरें आ रही हैं। वो चिंताजनक हैं। हमें आप लोगों के परिजनों की चिंताएं हैं। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक में है और भारत में ऐसे प्रदर्शनों के हक में अपनी बात रखता रहेगा।
उन्होंने कहा कि हम कई तरीकों से भारतीय प्रशासन के साथ संपर्क में हैं और अपनी चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं। जस्टिन ट्रूडो इस तरह पहले राष्ट्राध्यक्ष हो गए। जिन्होंने भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी की है। गौरतलब है कि कनाडा में सिख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। कनाडाई सरकार में कई महत्वपूर्ण पद भी सिखों के पास ही हैं। ऐसे में अगर पंजाब में कुछ बड़ा होता है। तो उसका कनाडा में भी असर होना लाजिमी है।
‘Canada Will Defend Right to Protest’: PM @JustinTrudeau Backs Indian Farmers
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) December 1, 2020
He spoke on #Gurpurab where he mentioned protests by farmers in India against @narendramodi govt's new farm laws.#FarmerProtest@PMOIndia @HCI_Ottawa @CanadianPM @CanadainIndia @Ajaybis @nadirypatel pic.twitter.com/MGT20YwKjM
भारत के अलग-अलग हिस्सों में जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो समेत कई कनाडाई नेताओं ने टिप्पणी की है। इसपर भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। इस तरह की टिप्पणी को गैर जरूरी करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने कुछ कनाडा के नेताओं के भारत के किसानों के बारे में कमेंट सुने हैं। ऐसे बयान गैर जरूरी हैं। वो भी तब जब किसी लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मुद्दों से जुड़े हो। साथ ही ये भी जरूरी है कि डिप्लोमेटिक बातचीत को किसी राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाए।

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