पीएम मोदी और सीएम योगी की सफलता का राज


तीन नए कृषि कानूनों को लेकर देश भर जुटे किसान और उनके संगठनों ने विगत 35 दिनों से लगातार इस भीषण ठंड में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई छठे दौर की बैठक में चार में से दो मांग मान ली गईं हैं। सरकार पराली जलाने को लेकर किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई रोकने और विद्युत संशोधन अधिनियम की वापसी पर राजी हो गई है। हांलाकि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर बात नहीं बनी और दोनों पक्ष इन पर चर्चा के लिए चार जनवरी को आमने-सामने फिर होंगे।


झूठ मसकरी जे जाना। कलयुग गुनवंत बखाना।। अर्थात जो जितना झूठ बोल ले और जितना हसी मजाक कर ले वह कलयुग में ज्ञानी कहा गया है। रामचरित मानस में चैपाई के अनुसार। आज बात करेंगे कोरोना, नए स्टेन के बढ़ने की आशंका इसके बाद मुंह तोड़ जवाब की, सबसे बड़ा फैसला, सबसे बड़ी कार्रवाई, साथ डब्ल्यूएचओ ने कोरोना प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है 


 यहां सबसे पहले हम कोरोना काल के पहले की जब राहुल गांधी ने इस महामारी की चर्चा की थी तब उस समय अज्ञान लोग जो आज ज्ञानी बन गये हैं यही लोग उस समय राहुल गांधी का बड़ा उपहास उड़ाया था। हम भारत के लोगों ने मान भी लिया था। सोंचा था कि हमारे देश में कोरोना जैसा सूक्ष्म जीव क्या बिगाड़ेगा जब पीएम मोदी और सीएम योगी हैं तो सब कुछ मुमकिन है। 


कनिका कपूर का प्रोग्राम हुआ। इस प्रोग्राम में गरीब किसान, जवान नहीं थे न ही कोई जमाती था। इसमें हाई प्रोफाइल नेता, मंत्री, असफर शामिल थे। जबकि सुना गया था कि कनिका कपूर कोरोना पाजिटिव थी। प्रोग्राम के पहले कनिका कपूर की न तो कोरोना जांच हुई थी न ही उनको 14 दिन तक क्वारंटाइन किया गया था। जिम्मेदार लोग जमाती-जमाती के पीछे हाथ धोकर पड़ गये थे। 


जब देश में कोरोना के बहुत कम मरीज थे तब देश नेें लगभग ढ़ाई माह के लाॅकडाउन को सहन किया। पीएम मोदी जी के मन की बात सुनी। यहां तक कि थाली बजाइ, मोमबत्ती जलाया था कि कोरोना जल कर मर जाए और बचे हुए कोरोना के सूक्ष्म जीव विदेश चले जाएं। फिर भी ऐसा नहीं हुआ। इस महामारी काल में ओपीडी बंद होने से उन मरीजों का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है जिनकी जिंदगी दवा और डाॅक्टर के सहारे चल रही थी। कोरोना काल के पहले प्रत्येक शहर के सरकारी अस्पतालों में कई हजार मरीज रोजाना ओपीडी में देखे जाते थे। ओपीडी बंद होने से ऐसे मरीजों पर क्या बीती होगी। कभी किसी जिम्मेदार ने विचार किया कि ये लोग कैसे जी रहे हैं। कहां हैं और किस हालत में हैं।


 गलीमत रही हमारे देश की परंपरा और प्रकृति की जिसने जड़ी-बूटी स्वस्थ रहने के लिए दिया है। हमारे देश के देवी-देवताओं का आशीर्वाद है कि गरीब किसान जवान को इतनी आंच लगती है कि वह न के बराबर जलते हैं। जिसको बिना वैक्सीन, बगैर सौनेटाइजर और मास्क के बर्दाश्त कर लेते हैं। यह शक्तिी भारत देश के लोगों को सनातन से पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ नहीं देते आ रहे हैं। 


सत्तारूढ़ दल के बड़े नेता हमेशा जब तक यह नहीं बोलते हैं कि मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, तब तक उनका खाना हजम नहीं होता। यहां एक कहावत पूरी तरह सटीक बैठती है कि एक बेसहारा और कमजोर बच्चे को कोई सबल बच्चा मारता है तो कमजोर वाला बच्चा बार-बार यही कहता है कि अबकी मारो तो बताई, फिर मार खाता है, फिर यही कहता है कि अबकी मारो तो बाई, फिर मार खाता है। इसी तरह वह मार खाता ही रहता है, लेकिन कर कुछ नहीं पाता। यहां अपने मुंह मिया मिटठू बनने वाली बात लागू होती है। 


हम भारत के लोग गरीब किसान, जवान कुरान, बाईबिल, गुरूगं और रामचरित मानस को मानते हैं। जहां लिखा गया है कि निर्मल मन जन सोई मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा। अर्थात छल-कट से दूर रहकर निर्मल मन से मानवता का पालन करें यही हमारे ईष्ट देव को प्रसंद है। चंद लोगों में पल-पल पर छल-कपट दिखाई देगा। ऐसे लोगों में कोरोना के नए स्टेªन के खतरे की आशंका बनने की पूरी संभावना है। 


यहां लोगों का मानना है कि देश की सीमा को सील कर दिया जाए जिससे पूरा देश दूसरे लाॅकडाउन से बच जाए। यदि ऐसा नहीं होगा तब भी कोई बात नहीं है। क्योंकि हमारे यहां पीएम मोदी और सीएम योगी जी हैं तो सबकुछ मुमकिन है। ये दोनों लोग आज के महापुरूष किसी भी दिन एक झटके में रात बारह बजे कोरोना को खत्म कर देंगे। कहेंगे कि भाईयो-बहनों आज रात बारह बजे से किसी को नये कोरोना स्टेªन से डरने की जरूरत नहीं हैं। नया स्टेªन कोरोना हमारे देशवासियों का कुछ नहीं बिगाड़ पाया, जबकि विदेशों में इससे कई लाख लोग चपेट में आए और बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई। हमारे कोरोना योद्वाओं और देश के जवानो के कुशल नेतृत्व के कारण हम लोग सुरक्षित हैं। अब हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। 


इसी बीच जीएसटी, नोटबंदी, बेरोजगारी, शिक्षा आदि को लेकर कोई बात नहीं होगी। इसके बाद चीन की कम पाकिस्तान की बात ज्यादा होगी। इसके बाद आतंकी डर सताने की चिंता देश को बताई जाएगी। अर्थात हमेशा डर में ही भारत के लोग जीवनयापन करते रहेंगे। यहां एक बात और बताना चाहता हूं कि पुलवामा हमले के 10-15 दिन बाद सर्जिकल स्ट्राईक हुई थी। लोगों का मानना है कि कुछ दिन और रूक जाते, तब सर्जिकल स्ट्राइक करते जब आतंकियों का सरगना मौजूद होता, सरगना मारा जाता तो शायद दुबारा आतंकी न पनप पाते। यहां यह बताना जरूरी है कि भारतीय सेना हमेंशा जरूरत के अनुसार सर्जिकल स्ट्राइक करती आ रही है, लेकिन कभी भी देश की गोपनीय भंग नहीं होने पाई। अब तो प्रचार-प्रसार कर अपनी उपलब्धिया गिनाने में गोपनीयता लगभग भूल ही जाते हैं। खैर जो भी हो जनता ने सत्ता दी है। 


जनता भली भांति अच्छा-बुरा सब जानती है। आंदोलित किसानों को कहते हुए सुना गया है कि बगैर सैनेटाइजर और मास्क के रहेंगे। कोरोना हमारा कुछ न बिगाड़ पाया और न ही नया स्टेªन कोरोना कुछ बिगाड़ पायेगा। हां पीएम मोदी और सीएम योगी साहब उन चंद छल-कपटी लोगों को जरूर बचाने का भरपूर प्रयास कर लो और अच्छी सी वैक्सीन की व्यवस्था कर दो। इसके लिए चाहे जितनी सरकारी कंपनियों को अंबानी, अडानी के हाथों बेंचना पड़े।  नया साल भारत के लोगों को नई खुशियां लाए और महामारी से बचाये। यही हमारी ईश्वर से प्रार्थना है।

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