अब प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में अखिल भारतीय टैक्सी यूनियन और वामपंथी दल


लखनऊः  कृषि काननों का विरोध कर रहे किसान के समर्थन में अखिल भारतीय टैक्सी यूनियन भी साथ देने को तैयार है। अखिल भारतीय टैक्सी यूनियन संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह भल्लर ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों की बात सरकार मान लें। सरकार को दो दिन का समय दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि हम इन कानूनों को रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से अनुरोध करते हैं कि कारपोरेट क्षेत्र हमें नष्ट कर रहा है। यदि सरकार इन कानूनों को 2 दिन में वापस नहीं लेती है तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे। हम पूरे देश में सभी ड्राइवरों से अनुरोध करते हैं कि वे 3 दिसंबर से अपने वाहनों को रोक दें। वामपंथी दल भी किसानों के समर्थन में उतर चुके हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एक बयान जारी कर लेफ्ट संगठनों को एकजुट होने और किसान आंदोलन को समर्थन देने का आह्वान किया है।


किसानों के पास फसल बेचने के ज्यादा विकल्प नहीं है किसानों को एपीएमसी अर्थात कृषि उपज विपणन समितियों में फसल बेचने होती है इसके लिए जरूरी है कि फसल अशीष टंडन लाइसेंसी या राज्य सरकार को ही फसल भेज सकते हैं। दूसरे राज्यों में या ई ट्रेडिंग में फसल नहीं बेच सकते हैं।


दिल्ली.यूपी बॉर्डर पर भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। सीमा पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है, जिसे हटाने के लिए किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं। केंद्र सरकार और किसानों की बातचीत से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर में बैठक हो रही है। इसमें कई मंत्री मौजूद हैं और तमाम बिंदुओं पर चर्चा हो रही है।  विगत पांच दिनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के कारण मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। उन्हें सीमा बीएसएफ के राइजिंग कार्यक्रम में जाना था। किसान संगठनों से बात करने के लिए आज दोपहर तीन बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत कुछ मंत्री भी उनके साथ रह सकते हैं। इनके अलावा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी कानून पर विस्तार से बात करने के लिए मौजूद रहेंगे। 

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