बोले किसान, वार्ता करेंगे लेकिन सरकार की शर्त नहीं मानेंगे

आंदोलित किसान

लखनऊः कृषि कानूनों का विरोध कर रहे तीस किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक के बाद कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो शर्त रखी हमें मंजूर नहीं है। यह किसानों का अपमान है। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे वह पार्क नहीं खुली जेल है। गृहमंत्री ने कहा था कि किसान तय जगह पहुंचे सरकार बात करेगी। भारतीय किसन यूनियन के हरियाण इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के अनुसार सरकार को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। साथ ही भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सरकार मांगों को लेकर गंभीर है तो उसे बात करनी चाहिए। एगराहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। इससे कम पर कुछ भी मंजूर नहीं। भाकियू क्रांतिकारी पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि प्रतिनिधियों की समिति आगे का फैसला करेगी हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक दल को जगह नहीं देंगे।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए कृषि कानूनों के तहत उत्पाद की खरीद के तीन दिन के भीतर भुगतान करना अनिवार्य है। इलाके के एसडीएम को किसान की शिकायत एक माह के भीतर दूर करनी होगी। नए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नए अवसरों के दरवाजे खोले हैं और उन्हे ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। कानून लागू होने के बाद किसानों की परेशानियां कम होना शुरू हो गई हैं।



गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसानों के आंदोलन को कभी राजनीति से प्रेरित नहीं कहा। लोकतंत्र में सभी को विभिन्न मत रखने का हक है। तीनों कानून किसानों के हितैषी हैं। राजनीतिक रूपसे प्रेरित विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।



कांगे्रस नेता राहुल गांधी ने किसान आय दोगुनी करने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने तंज कसा कि वादा किया था किसानों की आय दोगुनी करेंगे। मोदी ने अडाणी और अंबानी आय कई गुना बढ़ा दी। जो काले कृषि कानूनों को अब सही बता रहे हैं। वह किसान के पक्ष में हल क्या निकालेंगे। तीनों कृषि कानून को तत्काल रदद करने की मांग करते हुए कहा प्रधानमंत्री स्वयं किसान प्रतिनिधि मंडलों से बात करें।


सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में रविवार को दिल्ली बार काउंसिल के सदस्य राजीव खोसला और वरिष्ठ वकील एचएस फूलका के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के बाहर किसानों के समर्थन में इकटठा हुए। फूलका ने कहा कि देश के हर नागरिक को विरोध प्रदर्शन करने का कह है।किसानों के किसान अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह किसी राजनीतिक दल के इशारे पर आंदोलन कर रहे हैं। सीधे-साधे किसान हैं, इनमे तो कई मेरेे गांव के भी हैं।



उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलित है, विकास कार्य पूरी तरह ठप। अन्नदाता की भाजपा सरकार को परवाह नहीं है। उन्हें चिंता है तो बस काॅरपोरेट घरानों की कैसे झोलियां भरी जाएं। किसानों को आतंकवादी कहकर अपमानित करना भाजपा का असल चेहरा है। अगर भाजपा के अनुसार किसान आतंकवादी हैतो भाजपाई कसम खाएं कि उनका उगाया अन्न नहीं खाएंगे। शिक्षामित्रों की समस्याएं जस की तस बनी हुए हैं। अनुदेशकों को 17000 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने का वादा किया, लेकिन दिया नहीं। प्रदेश में पत्रकार सबसे ज्यादा खतरे में है।अभी 28 नवंबर को बलरामपुर में पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक और उनके साथी पिंटू साहू को जिंदा जला दिया गया।



बसपा सुप्रीमों मायावती ने केंद्र सरकार से नए कृषि संबंधी कानूनों पर पुनर्विचार की मांग की है। उन्होंने टवीट किया है कि कृषि से संबंधित तीन कानूनों पर देश भर के किसान असहमति जताते हुए आक्रोशित व आंदोलित हैं ऐसे में किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए इन काूननों पर केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए।



आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी  व सांसद संजय सिंह ने कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन को जायज ठहराते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वह भी इन आंदोलन का हिंस्सा बने।भाजपा सरकार किसानों की मांग मानने के बजाय उन पर अत्याचार कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। कहा कि किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।एमएसपी खत्म करके मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों के साथ धोखा किया है। उत्तर प्रदेश में किसान 1000-800 रुपये प्रति कुंतल धान बेचने को मजबूर है। नए कृषि कानून में कहीं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का उल्लेख नहीं है। इसमें असीमित भंडारण की छूट दी गई है। पूजीपति किसानों की उपज कम दामों में खरीद कर कालाबाजारी करेंगे। 


कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान चौथे दिन बॉर्डर पर अपना डेरा जमाए हुए हैं। वहीं कुछ किसान दूसरे रास्तों से दिल्ली में प्रवेश कर इंडिया गेट सी हैक्सागन तक पहुंच गए। किसानों के इंडिया गेट पहुंचने से हड़कंप मच गया। आव न देखा ताव नई दिल्ली आने वाले सभी रास्तों पर पिकेट लगाकर चेकिंग शुरू करा दी गई। जांच के बिना नई दिल्ली में किसी को नहीं घुसने दिया जाएगा। खासकर जंतर-मंतर, इंडिया गेट, विजय चौक, संसद भवन के आसपास भारी संख्या में पुलिस को तैनात कर दिया गया।लेकिन पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेकर निरंकारी भवन छोड़ दिया। पुलिस अफसरों का कहना है कि जो भी किसान नई दिल्ली पहुंचेगा, उसे निरंकारी भवन छोड़ दिया जाएगा। 

वहीं सिंघु बार्डर पर कुछ किसानों ने नरेला की ओर से दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया, पुलिस ने किसानों को वहीं पर रोक लिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सूचना मिल रही है कि अब किसान छोटे-छोटे समूह बनाकर राजधानी में घुसने और इकट्ठा होने का प्रयास करेंगे। इस तरह की आशंकाओं को देखते हुए पुलिस को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। गुरुद्वारों में कहीं यह शरण न लें इस पर भी नजर रखी जा रही है। 

 

उधर निरंकारी ग्राउंड में रविवार को किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ ही दूसरे राज्यों से किसान यहां पहुंचे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कड़ी नजर रखे हुए हैं। एंट्री और एग्जिट गेट पर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया। वहीं दिल्ली सरकार, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से अधिकारी, विधायक व पार्टी के लोग यहां डटे रहे। निरंकारी ग्राउंट में बैठे किसान असंजस की स्थिति में हैं, उनको समझ नहीं आ रहा है कि वह निरंकारी ग्राउंड रुके या बार्डर चले जाएं।


भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत के नेतृत्व में गाजीपुर बॉर्डर पर जमा हुए किसानों ने दोपहर को बैरिकेड की पहली कतार को तोड़ दिल्ली में घुसने की भरपूर कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें पीछे धकेल दिया। यहां करीब 300 किसान जमा हैं। टिकैत ने कहा कि वह पंजाब व हरियाणा से आए किसान भाइयों के साथ हैं और उन्हें रामलीला मैदान जाने की अनुमति दी जाए। हालांकि दिल्ली पुलिस की ओर सेे किसानों को साफ संदेश दिया गया है कि यदि उनको अपनी बात रखनी है तो उनको निरंकारी ग्राउंड जाना होगा। 


रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सशर्त वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और सोमवार को भी यहीं जमे हुए हैं। वहीं यूपी गेट पर बैठे किसानों को रोकने के लिए पत्थर के बैरिकेड लगा दिए गए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि सोमवार को भी सिंघु व टिकरी बॉर्डर बंद रहेंगे। दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर पर अभी कोई डायवर्जन नहीं किया गया है। डाबर से वाहनों को महाराजपुर बॉर्डर से दिल्ली भेजे जा रहे हैं। एनएच 9 से यूपी गेट फ्लाईओवर के ऊपर से वाहनों को दिल्ली भेजा जा रहा है। फ्लाईओवर के नीचे किसी भी वाहन को नहीं आने दिया जा रहा।   

Post a Comment

please do not comment spam and link

और नया पुराने