नई दिल्लीः आज लोन मोराटोरियम मामले में बैंकों को ब्याज पर ब्याज का पैसा खाताधारकों को अकाउंट में वापस होगा। सरकार के आदेश के बाद आरबीआई (रिजर्व बैंक) ने सभी बैंकों को आदेश दिया था कि 5 नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का जो भी पैसा है, वो खाताधारकों को लौटा दें। इसके बाद में सरकार इन बैंकों को भुगतान कर देगी। आज लोन मोराटोरियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी है।
बैंकों ने देना शुरू किया (कैशबैक): बैंकों ने मोराटोरियम अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज की रकम को ग्राहकों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, अर्थात ग्राहकों के खातों में पैसे भेजना शुरू भी कर दिया गया है। सरकारी बैंकों की ओर से अनुग्रह राशि का मैसेज भी ग्राहकों को मिला है। पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक ने सभी वित्तीय संस्थानों, जिसमें नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भी शामिल हैं, आदेश दिया था कि 6 माह की लोन मोराटोरियम अवधि के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर वसूली गई ब्याज पर ब्याज की रकम को 5 नवंबर तक ग्राहकों को वापस कर दिया जाए।
सरकार करेगी ब्याज पर ब्याज रकम की भरपाईः सरकार ने मार्च से लेकर अगस्त 2020 की अवधि के दौरान लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन मोराटोरियम की सुविधा दी थी। अब मोराटोरियम सुविधा लेने वालों को 15 नवंबर 2020 तक ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा। केंद्र सरकार बकाया लोन के चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का पैसा खुद भरेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपए तक के एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन सहित 8 सेक्टर पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज नहीं वसूले जाएंगे। 6 माह (मार्च-अगस्त) के दौरान चुकाए गए चक्रवृद्धि ब्याज और सामान्य ब्याज का जो भी अंतर होगा, वो आपको वापस हो जाएगा। इसे आसान भाषा में कैशबैक ही समझ लीजिए।
किसे नहीं मिलेगा कैशबैक का फायदा: कृषि और उससे संबद्ध गतिविधियों के लिए लोन पर ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। दरअसल, वित्त मंत्रालय की ओर से बार-बार पूछे गए लोन मोरेटोरियम से जुड़े सवालों के जवाब जारी किए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि फसल और ट्रैक्टर लोन कृषि और संबद्ध गतिविधियों के तहत आता है, जो ब्याज पर ब्याज (चक्रवृद्धि ब्याज) माफी योजना में शामिल नहीं है। आसान भाषा में समझें तो फसल और ट्रैक्टर लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन मोरेटोरियम पर चक्रवृद्धि ब्याज देना ही होगा। उन्हें इसमें किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी सवाल.जवाब के सेट में बताया है कि अगर आपने फिक्स्ड डिपॉजिट शेयर्स और बांड्स के बदले में लोन लिया है तो इस ब्याज पर ब्याज माफी स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा, यह कर्ज सरकार की राहत की स्कीम से बाहर है। इसके अलावा इस स्कीम का फायदा उन लोगों को भी नहीं मिलेगाए जिनके लोन अकाउंट 31 मार्च के पहले से ही एनपीए चल रहे होंगे ।
पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक ने सभी वित्तीय संस्थानोंए जिसमें नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भी शामिल हैं, आदेश दिया था कि 6 महीने की लोन मोराटोरियम अवधि के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर वसूली गई ब्याज पर ब्याज की रकम को 5 नवंबर तक ग्राहकों को वापस कर दिया जाए।

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