प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार 210 माफिया और भूमाफियों की साढ़े सात अरब संपत्ति पर बड़ी कार्रवाई


लखनऊः जमीनदारी उन्मूलन जैसा कानून बनने की जरूरत तभी आम आदमी को राहत और ऊंच-नीच की पटेगी खाई। अवैध तरीके से आय से अधिक सम्पतित इक्टठा करने का सिलसिला कई दशकों से जारी है। इस काली कमाई को सफेद करने के लिए बड़े पैमाने पर अचल संपत्तियां खरीदी गई है। इस काम में राजनेता, अधिकारी, भूमाफिया गैंगेस्टर तक शामिल हैं। जिन्होंने बड़े पैमाने पर जमीन और फार्महाउस तक खरीदे  हैं। सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम करना चाहती है तो  कानून बनाने की जरूरत है। जिसमें बंदिश हो कि  एक आदमी व उसके परिवारीजन अधिक से अधिक कितनी जमीन और अचल सम्मपत्ति रख  सकता है। जब तक यह पैमान निश्चित नहीं  होगा तब तक यह कार्रवाई पारदर्शी नहीं हो सकती है और न ही जमीन खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगेगा और न ही काली कमाई सफेद करने का सिलसिला रूकेगा।  


उत्तर प्रदेश के 210 माफिया और भूमाफियों की साढ़े सात अरब संपत्ति पर प्रदेश सरकार ने की कार्रवाई।  प्रयागराज में पूर्व सांसद अतीक, पूर्व विधायक अशरफ समेत 23 के खिलाफ हुई कार्रवाई कर 300 करोड़ रूपये की आर्थिक चोट पहुंचाई गई है। इस कार्रवाई में वाराणसी सहित पूर्वांचल में 104 माफियाओं की 103 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इस कार्रवाई की जद में आए लखनऊ में मुख्तार अंसारी उनके भाई समेत तीन के विरूद्व कार्रवाई कर 186 करोड़ की आर्थिक चोट पहुचाई जा चुकी है। कानपुर रेंज में 29 अपराधियों की 60.32 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। गोरखपुर और देवरिया में चार माफियाओं की 33.10 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है। बरेली और मुरादाबाद मंडल के नौ जिलों में 25 माफियाओं और गैंगेस्टरों की 30 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 13 माफिया और गैंगेस्टर से 34.65 करोड़ की संपत्ति मुक्त कराकर कुर्क की गई। ब्रज में नौ माफियाओं की 17.82 करोड़ की संपत्ति अब तक जब्त कर बड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।  माफिया और गैंगेस्टर में पूर्व सांसद और पूर्व विधायक सहित कई और माननीय व जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। अवैध मकान, मॉल और गेस्टहाउस गिराने के साथ ही कब्जा की गई करोड़ों की जमीन को मुक्त कराया गया है।   


बता दे प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद कार्रवाई सिलसिला अभी जारी है। अवैध तरीके से जमीन हथियाकर अपने रिश्तेदारों तथा चहेतों के नाम की गई बेनामी संपत्तियों का ब्योरा स्थानीय प्राधिकरणों की मदद से जिला और पुलिस प्रशासन जुटा रही है। इस सख्त कार्रवाई की चपेट में अब तक 210 माफिया और गैंगेस्टर पर कार्रवाई हो चुकी है। इस कार्रवाई  में 766 करोड़ अर्थात साढ़े सात अरब की आर्थिक चोट पहुंचाई जा चुकी है। इस प्रदेशव्यापी कार्रवाई में प्रयागराज ने अहम भूमिका निभाई है। पुलिस, प्रशासन और विकास प्राधिकरण ने अब तक पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कुल 23 लोगों से सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो चुकी है। अधिकारियों के अनुसार इस कार्रवाई में लगभग 300 करोड़ की आर्थिक चोट पहुंचाई जा चुकी है। 


पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी समेत 104 माफिया और उनके चहेतों के खिलाफ कार्रवाई कर मकान, जमीन, शस्त्र लाइसेंस समेत 103 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मुक्त कराई गई हैं। लखनऊ में मुख्तार अंसारी व उनके बेटों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर लगभग 100 करोड़ रुपये की सम्पत्ति ढहा दी गई। साथ ही उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी की सम्पत्ति को भी अवैध घोषित किया जा चुका है। जो सम्पत्ति घोषित की गई वह अफजाल की पत्नी फरहत के नाम है। मुख्तार के  करीब हरविन्दर उर्फ जुगनू की लगभग ढाई करोड़ की सम्पत्ति कुर्क की गई है। इसमें कई लग्जरी वाहन भी थे। पीजीआई कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर राम सिंह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत 84 करोड़ रुपये की सम्पत्ति कुर्क कर उसका आर्थिक साम्राज्य ध्वस्त कर बड़ी चोट पहुंचाई जा चुकी है।   


पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने बताया कि मुख्तार और अन्य माफियाओं पर कार्रवाई सिलसिला अभी जारी है। अपराध के बूते कमाई गई सम्पत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। इनके गुर्गों की लगभग 200 करोड़ की अवैध सम्पत्ति का पता लगाया जा चुका है। शीघ्र इन पर बड़ी कार्रवाई होगी। मुख्तार के 12 गुर्गें दो माह में जेल भेजे जा चुके हैं। कई हिस्ट्रीशीटर पर भी जल्दी ही कार्रवाई जाएगी।


 

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