लगता है कि उत्तर प्रदेश अधिकारी बाबा जी को ले डूबेंगे, आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों पर मनमानी आख्या, जनता परेशान

पीड़ित राजकिशोर के यादव पुत्र श्री राम औतार यादव 

 


लखनऊः लगता है कि उत्तर प्रदेश अधिकारी बाबा जी को ले डूबेंगे, आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों पर मनमानी आख्या, जनता परेशान। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाने की कोशिश में लगी है। मनमानी पर उतारू कुछ अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। जब अधिकारी सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त करना चाहते हैं तो जनता का काम करना बंद कर देते हैं। जिससे सरकार की अच्छी छवि जनता की नजर में खराब हो जाती है। जिसका परिणाम राजनीतिक दल को चुनाव में भोगना पड़ता है।  जब जनता का काम अधिकारी नहीं करते हैं तो वह अपनी शिकायत (आईजीआरएस पोर्टल) पर दर्ज कराते हैं। यहां भी अधिकारी लगभग 90 फीसद शिकायतों में मनमानी रिपार्ट लगाते हैं जिसको देखकर सुनकर हैरानी होती है।


यहां सिर्फ बानगी के तौर एक संदर्भ की बात कर रहे हैं। जे.एन.एन.यू.आर.एम. की उपघटक बी.एस.यू.पी. योजना में निर्मित आवास, जिला नगरीय विकास अधिकरण, लखनऊ द्वारा आसीय योजना के अंतर्गत बसंत कुंज योजना में राजकिशोर के यादव पुत्र श्री राम औतार यादव निवासी जनरैलगंज, बालागंज लखनऊ के नाम मकान संख्या एच (7/34) बसंतकुज में 04.04.2016 को आवंटित किया गया था। आवंटन से संबंधित पत्र और निर्धारित धरनराशि की रसीद प्रार्थी के पास है। इसी भवन को अधिकारियों की मिलीभगत से सुरेज राजपूत पुत्र बदलू राजपूत 12.06.2020 को आवंटित कर दिया है। इसको लेकर दोनो आवंटित डूडा कार्यालय लखनऊ से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर रहे हैं लेकिन पीड़ित व्यक्तियों को कोई राहत नहीं मिल रही है। 


कार्यालय में जमा की गई धनराशि  की रसीद


निस्तारण आख्या में बार-बार यह लिखा जा रहा है कि शिकायतकर्ता राजकिशोर यादव को कोई आवास आवंटित नहीं किया गया है और न ही उक्त योेजना से संबंधित धनराशि कार्यालय में जमा की गई है। आईजीआरएस संख्या (92015700065802) पर कई बार शिकायत की गई लेकिन राहत नहीं मिली। अब हार कर शिकायतकर्ता न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर है।

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