लखनऊः बिहार चुनाव संपन्न होने के बाद एग्जिट पोल के अनुसार राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले पीएम मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घमंड चकनाचूर होता दिखाई दे रहा है। राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात जनता के दिलों में उतार देते थे। जनता मोदी-मोदी करने लगती थी। बिहार विधानसभा चुनाव -2020 में मोदी जी जनता के लिए लोकप्रिय नेता दिखाई नहीं दे रहे हैं। पीएम मोदी आज तक यह समझते होंगे कि बिहार के मजबूत पिलर कहे जाने वाले लालू यादव तो टिक नहीं पाए अब उनके बेटे और बिहार के भावी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव अभी छोकरे हैं। यह हमारे सामने कहां टिक पाएंगे। पुलवामा हमला, 370, राममंदिर और 19 लाख रोजगार देने का वादा, जंगल के युवराज व पीएम मोदी द्वारा लिखी गई चिटठी। सभी नेस्तानाबूत रहे।
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| तेजस्वी यादव, पीएम मोदी और नीतीश कुमार |
इसके साथ बीजेपी के कई बड़े नेताओं द्वारा चलाए गए चुनावी शस्त्रों पर तेजस्वी यादव के सुदर्शन चक्र के सामने सभी शस्त्र कुंद होते दिखाई दे रहे हैं। पीएम मोदी साहब ने 12 रैली की। बिहार की जनता को सिर्फ रोजगार और विकास चाहिए था। बिहार जनता नेे पुलवामा हमला, 370, राममंदिर की बात को उधव के ज्ञान की तरह लिया है। चुनावी रैली और जनसभाओं में नीतीश कुमार यहां तक कहा कि यह हमारा आखिरी चुनाव है।
यदि चुनावों में विजय होती है तो मोदी है तो मुमकिन है कहा जाता है। यदि बिहार विधानसभा चुनाव-2020 के परिणाम एनडीए और जदयू के विपरीत आते हैं तो इसका ठीकरा भी मोदी के सर पर होगा। जिसको पीएम मोदी अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानकर अपनी हार स्वीकार कर लेना चाहिए।
तेजस्वी यादव बिहार के 10 लाख लोगों को नौकरी देने का जो सुदर्शन रूपी शस्त्र चलाया उसके सामने विपक्षियों के सभी शस्त्र धराशाई हो गये। साथ ही पीएम मोदी और बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ ही नीतीश कुमार का उधव ज्ञान जनता को रास नहीं आया। जो एग्जिट पोल के द्वारा दिखाई दे रहा है। यहां तक 19 लाख रोजगार देने का वादा को जनता ने यह समझकर नकार दिया कि दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। अब 19 लाख रोजगार देने का वादा भी एक जुमला है।
बिहार विधानसभा चुनाव के फाइनल नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। एग्जिट पोल में महागठबंधन की स्थिति मजबूत है। एग्जिट पोल से उत्साहित कांग्रेस नेतृत्व, सोनिया ने रणदीप सिंह सुरजेवाला और अविनाश पांडे को नियुक्त किया गया बिहार का पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी है। बिहार के साथ ही देश की नजर अब 10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिकी है। सभी प्रमुख सियासी दल आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। कांग्रेस पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और अविनाश पांडे दोनों नेता आज पटना पहुंचेंगे। बिहार चुनाव नतीजों के बाद की स्थिति पर केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करेंगे और जो भी फैसला होगा वो लेंगे।
टाइम्स नाउ.सी वोटर ने एनडीए को 116 और महागठबंधन को 120 सीटों का अनुमान जताया है। टुडेज चाणक्या ने एनडीए को 55 सीटें और महागठबंधन को 180 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। रिपब्लिक.जन की बात ने एनडीए को 91 से लेकर 117, एबीपी.सीवोटर ने 104 से लेकर 128 और टीवी9 भारतवर्ष ने 110 से 120 सीटे एग्जिट पोल के अनुसार दी है।
इंडिया टुडे.एक्सिस.माय.इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में महागठबंधन को 139 से 161 तक सीटें मिल सकती हैं। एनडीए 100 से भी कम सीटों पर सिमट सकता है अर्थात नीतीश कुमार की सत्ता से विदाई होते दिख रही है। एग्जिट पोल के अनुसार, इस बार एनडीए सिर्फ 69 से 91 सीटों के बीच में सिमट सकती है।



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