पटाखा व्यापारियों का कई करोड़ों रुपया फसा, व्यापारी परेशान


पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम को लेकर के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए सरकार पूरी सख्ती बरत रही है। एनजीटी ने भी पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत इस बार दीपावली में पटाखों की बिक्री और उनके प्रयोग पर रोक लगाई गई। य



यदि खरीद खरीद बिक्री पर जारी दिशा नर्देशों का पूरी तरह पालन हुआ तो पटाखा व्यापारियों का बहुत बड़ा नुकसान होगा। पटाखों के व्यापार को लेकर के बहुत सारे ऐसे व्यापारी हैं जिन्होंने अपना करोड़ों रुपया फंसा रखा है। यदि उनका माल नही बिका तो व्यापारी पैसे डूबने की चिंता में हार्ड अटैक होने की संभावना है। यदि अनुपालन में ढिलाई बरती गई है तो पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने की पूरी संभावना है।



सरकार और एनजीटी ने पटाखों की बिक्री और खरीद पर रोकथाम लगाई है अच्छी बात है लेकिन कहना यह था कि यह कदम देर से उठाया गया जिससे पटाखों की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर माल गोदामो तक पहुंच चुका है। यदि यही कार्य समय रहते पहले कर लिया जाता तो सायद व्यापारियों का इतना बड़ा नुकसान न होता। यदि पटाखों की मैन्युफैक्चरिंग न होती तो व्यापारी पटाखे न खरीद पाते हैं साथ ही उनकी खरीद बिक्री भी अपने आप रुक जाती। अब तक पर्यावरण प्रदूषण को लेकर जनता भी जागरूक हो चुकी होती। दीपावली पर पटाखे ना जलाने का संकल्प ले लेत। पर्यावरण प्रदूषण को लेकर किसान जागरूक हुआ और अब अपने खेतों में पराली नहीं जला रहा है।


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