बड़ा घोटाला, गरीब मेधावी छात्रों की प्रतिभा का हनन, झूठ, मस्करी जे जाना, कलयुग में गुणवंत बखाना



आयुष कॉलेजों में दाखिले में हुई हेराफेरी की जांच में एजेंसी के खेल की परतें खुलने लगी हैं! दूसरे राज्यों के छात्रों के आवेदन नंबर पर यूपी के छात्रों को मिला प्रवेश! इतना बड़ा बेखौफ होकर घोटाला की छात्रा आजमगढ़ की आवेदन नंबर हैदराबाद का और दाखिला प्रयागराज में! यह गरीब मेधावी छात्रों के प्रतिभा का हनन है!

 2018-19 में होम्योपैथिक कॉलेज में शिक्षकों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई थी! आयुर्वेद निदेशालय की ओर से नामित प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) डॉक्टर उमाकांत ने नीट 2021 के परिणाम हार्ड डिस्क (सॉफ्ट कॉपी) को महा निदेशालय चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय से प्राप्त करने के बाद वेंडर एजेंसी के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह को पूरा काम दे दिया गया था! एजेंसी ने आयुष की सरकारी एवं निजी क्षेत्र की कुल 7338 सीटों के सापेक्ष 6797 सीट पर काउंसलिंग कराई! डीजीएमई कार्यालय में रहे नीट डाटा और हार्ड डिस्क डाटा का मिलान किया गया तो दोनों अलग-अलग पाए गए! इसके बाद एजेंसी संचालक गायब हो गए! जब नीट की वेबसाइट पर अभ्यार्थियों के नाम और जन्मतिथि डाले गए तो आमान्य आवेदन नंबर के मैसेज आने लगे! इसके बाद विभाग में हलचल मच गई! एजेंसी के पास पंजीयन से लेकर सत्यापन तक का जिम्मा था! 

 राष्ट्रपति कार्यालय से शिकायतें पत्र मिलने के बाद 11 अक्टूबर से ही प्रकरण की जांच शुरू हो गई थी! 60 फीसद छात्रों के दाखिले में गड़बड़ी की गई! अब तक 22 नाम ऐसे मिले हैं जो नीट 2021 में शामिल ही नहीं हुए है! छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले के बारे में सभी लोगों ने सुना होगा! इसमें भी बड़े पैमाने पर पात्र छात्रों को हर साल शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति नहीं मिल पाती है! इसका सीधा सा अर्थ है कि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए जब काम दिया जाएगा तो ऐसा ही होगा! 

गुजरात में मोरबी नदी के पुल हादसे में 135-140 लोग अकाल मृत्यु के गाल में समा गए! ठेका जिसको दिया गया उसके पास पुल मरम्मत करने का कोई अनुभव नहीं था! हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी (एचएएल) को काम नहीं मिलेगा और अनुभवहीन कंपनी को हवाई जहाज बनाने का काम दिया जाएगा तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे! सरकारी कंपनी बीएसएनएल बंद होने की कगार पर है लेकिन निजी क्षेत्र की कंपनियां दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है! 

चुनाव के समय भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, भयमुक्त सरकार का नारा दिया गया था! आम आदमी की बात छोड़ दो सरकारी कर्मचारी, नेता, मंत्री, विधायक भययुक्त हो गए हैं! बीच-बीच में अपनी जान का खतरा बताने वाले लोगों की खबरें आती रहती हैं! कांग्रेस के समय रेल हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री इस्तीफा दे देते थे लेकिन आज जिम्मेदारी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ दिया जाता है! और खुद बगुला भगत बन जाते हैं! 

 मोदी की सफलता का राज, रामचरितमानस की चौपाई है (झूठ मस्करी जे जाना कलयुग में गुणवंत बखाना) अर्थात जो जितना झूठ बोल ले, अच्छी तरह से हंसी मजाक कर ले वह कलयुग में ज्ञानी है! रामचंद्र कह गए सिया से 1 दिन ऐसा कलयुग आएगा कौवा चुनेगा दाना मौती हंस इधर-उधर मडराएगा! 

पी एम मोदी ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू, नक्सलवाद काबू में, लोकतंत्र पर बड़ा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा बदलाव का रिवाज बदले, इसका सीधा सा अर्थ है कि 5 साल में चुनाव के माध्यम से जनता सरकार के अच्छे और खराब कामकाज को लेकर अपना मतदान करती है, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रिवाज खत्म होना चाहिए! कहने का अर्थ था कि एक ही सरकार हमेशा रहे और चुनाव खत्म हो जाना चाहिए! इसीलिए विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र खतरे में है!

 8 साल से डबल इंजन की सरकार चलाने के बाद फिर वही कहा जो 8 साल पहले कहा था की भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू! आतंकवाद और नक्सलवाद काबू में है! चीन की नापाक हरकतों से सभी लोग जानते हैं! पुलवामा हमला अभी तक देशवासी भूल नहीं पाएं है! कहा गया था कि विदेशों से काला धन आएगा, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, अपराधी भारत से भाग नहीं पाएंगे, लेकिन विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी आदि का नाम सभी ने सुना होगा! 

अभी बंगाल और उत्तर प्रदेश में ईडी के छापे में इतना पैसा मिला कि नोट गिनने के लिए मशीनें लगानी पड़ी और ले जाने के लिए ट्रकों को मंगाना पड़ा! बेरोजगारी, महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है! सड़के गड्ढा युक्त हो गई हैं! करोना कॉल में गंगा नदी में लावारिस लाशों के बारे में सभी लोग जानते हैं जिनको अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी तक नसीब नहीं हुई! हर रोज हजारों मरीज ओपीडी में देखे जाते थे, लेकिन करोना के समय ओपीडी बंद कर दी गई थी! यही नहीं कोरोना के समय भगवान पर भी भरोसा नहीं रहा इसलिए मंदिर भी बंद कर दिए गए! 

प्रधानमंत्री के कहने पर थाली, घंटा और मोमबत्ती जलाकर लोगों ने कोरोनावायरस को भगाने के लिए मन को संतोष करने वाला प्रयास किया लेकिन कई हजार लोगों की जान चली गई! साधन के अभाव में लोग अपने घर तक पहुंचने के लिए पैदल चले जिसमें कई लोग की जाने चली गई! नोट बंदी का फैसला कितना अच्छा और खराब रहा यह देशवासी बहुत अच्छी तरह जानते हैं फिर भी भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद नहीं खत्म हुआ! 

तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों ने 13 माह दिल्ली बॉर्डर पर जाड़ा गर्मी बरसात सहते हुए धरना दिया इस बीच 750 किसान शहीद हो गए लेकिन प्रधानमंत्री को उनसे बात करने का समय नहीं मिला! अपराध के मामले में सरकारी आंकड़े ( एनसीआरबी) के बेटा के अनुसार अपराधों में बढ़ोतरी हुई है! जिनमें संगीन मामले भी शामिल है! इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि 5 साल के बाद सरकार बदलने की रिवाज खत्म होना चाहिए! यह तो अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना! वाली कहावत पूरी तरह सही है! 


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