उत्तर प्रदेश लखनऊ के मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने शनिवार को मंडल के सभी जिला अधिकारियों की समीक्षा बैठक में आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण में हो रही खानापूर्ति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहां कि, पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए और पूरी तत्परता के साथ आईजीआरएस की शिकायतों पर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे जनता के बीच में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की मंशा के अनुसार अच्छा संदेश जाए! सिर्फ खानापूर्ति से काम नहीं चलेगा!
आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कई बार नाराजगी जता चुके हैं! मुख्यमंत्री को यहां तक कहना पड़ा कि यदि तहसील और थाने पर कार्रवाई हो रही होती तो मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायतों का अंबार ना लगता! ऐसी शिकायतें भी मिल रही है कि आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में मनगढ़ंत आख्या लगाई जाती है जिससे पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता है! अधिकारियों की कार्रवाई से जब जनता संतुष्ट नहीं होती है तो कानून व्यवस्था और सरकार की करनी कथनी से जनता का विश्वास कम होता है और गलत संदेश भी जाता है! इसलिए अधिकारी कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों को बहुत ही तत्परता से लें और पीड़ित को न्याय मिलता दिखाई पड़े! इसके साथ ही तहसील और थाने पर पीड़ित की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाए!
23.7.2022 को लखनऊ के थाना ठाकुरगंज क्षेत्र के जनरल गंज में पीड़ित अपने लिए खाने का गेहूं डाले से ला रहा था जिसको पड़ोसी रंजीत निगम ने सार्वजनिक रास्ते से निकलने से मना कर दिया! इसकी शिकायत पीड़ित ने 112 पर करना चाहा तो बहुत ही देर बाद 112 पर कॉल उठी पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी से हाथ मिला कर चली गई! इसकी जानकारी सीओ चौक को दी गई तब क्षेत्राधिकारी ने बालागंज पुलिस चौकी के इंचार्ज को पुलिस बल के साथ मौके पर भेजा! बालागंज चौकी इंचार्ज भी आरोपी से हाथ मिला कर सहानुभूति अपनाते रहे और पीड़ित को यह समझाने की कोशिश करते रहे कि आप लोग कल थाने में एप्लीकेशन दें तब हम कार्रवाई करेंगे! इस बीच लगभग एक घंटा पीड़ित का डाला लदा गेहूं बीच रास्ते पर खड़ा रहा! डाला वाले को देर के चलते अधिक भुगतान करना पड़ा!
इसके पहले रंजीत निगम ने मोहल्ले के कई लोगों का घर निर्माण की सामग्री लाने से मना कर दिया था! इसकी शिकायत भी लोगों ने पुलिस से की लेकिन आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई! अब देखना यह है कि आने वाले समय में मोहल्ले वासियों के लिए रास्ता खुलता है या नहीं! या फिर आरोपी फिर किसी के साथ ऐसा ही व्यवहार करेगा और पुलिस तक बाद जाएगी फिर मामला शांत हो जाएगा लेकिन मोहल्ले वासियों को न्याय मिलता नहीं दिखाई पड़ रहा है! आरोपी रंजीत निगम जो एक कथित भाजपा कार्यकर्ता हैं और उनके भाई वकालत पेशे में हैं इसलिए मोहल्ले वासियों पर दबाव बनाते रहते हैं!
रंजीत निगम जैसे कथित भाजपा कार्यकर्ता जब ऐसा व्यवहार जनता के साथ करते हैं इसको लेकर कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है साथ ही सरकार की बदनामी भी होती हैं! मूल निवासियों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे कार्यकर्ताओं और वकालत पेशे से जुड़े लोगों पर कठोर कार्रवाई करें जिससे जनता को न्याय मिले और सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर जनता में अच्छा संदेश जाए!
सबसे खास बात यह है कि आरोपी के साथ ही कुछ अन्य लोगों ने भी रोड पर निजी समरसेबल करवा रखा है! इसलिए लोगों को रास्ते से सामान लाने के लिए मना करते हैं! आरोपी का कहना है कि यदि डाले से सामान निकलेगा तो हमारा समर सेविल धस जाएगा!





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