आंध्र प्रदेश में 1922 में आदिवासियों से मिलकर अंग्रेजो के खिलाफ रंपा विद्रोह शुरू किया! सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश में रंपा क्रांति के अल्लूरी की जयंती पर क्रांति के लिए नए स्वरूप में आवाहन! महान क्रांतिकारी अल्लूरी हमला करने से पहले समय तारीख और दिन बता देते थे! अंग्रेज पुलिस भाव चक्के रह जाती लेकिन भीषण आक्रमणों के आगे घुटने टेक देती थी! अंग्रेजों ने उन पर 10,000 रुपए का इनाम रखा था और उनके साथियों मल्लू डोरा और गंटम डोरा पर ₹1000 का इनाम था! यह वह समय था जब सोना अट्ठारह सौ रुपए किलो था! अल्लूरी के गोरिल्ला युद्ध छापों और सैनय संघर्षों को दबाने के लिए अंग्रेजों के लगभग 4000000 रुपए खर्च करने पड़े फिर भी विफल रहे!
सोमवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश में रंपा क्रांति की 100 वी वर्षगांठ और इसके नायक अल्लूरी सीतारामा राजू गारू की 125 वीं जयंती पर उनकी 30 फुट ऊंची और 15 टन वजन कांस्य प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रधानमंत्री ने क्रांति को, युद्धघोष नए स्वरूप में दोहराया! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है! देश के हर कोने से बलिदानों का इतिहास है! प्रधानमंत्री मोदी अल्लूरी को आदिवासियों के लिए जीवन समर्पित करने वाला नायक और उनके जीवन को भारतीय संस्कृति आदिवासी पहचान और मूल्यों का भी परिचायक बताया!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के आदिवासियों के लिए किए कार्यों का उल्लेख किया जिनमें कौशल मिशन आदिवासी कला जंगलों से आदिवासियों को उत्पादन हासिल करने देने के लिए कानूनी बदलाव पहली बार आदिवासी संग्रहालय का निर्माण शामिल है अल्लूरी और अन्य क्रांतिकारियों की स्मृति में संग्रहालय निर्माण उनके जन्म स्थान और क्रांति से जुड़ी जगहों पर हो रहे का मौका भी जानकारी दी!

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