कूड़ा गाड़ी में मिली प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें, बुरा समय आने पर लोग भगवान से नाराज हो जाते हैं और उनकी पूजा छोड़ देते है

उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन नगर निगम कार्यालय ने पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें कचरा गाड़ी में ले जाने के कारण शनिवार को एक सफ़ाईकर्मी पर गाज गिरी और उसको निलंबित कर दिया! जिम्मेदार लोगों ने यह नहीं सोचा कि जल्लाद का काम होता है फांसी देना उसके ऊपर हत्या का मुकदमा नहीं लगाया जाता है!


सफ़ाईकर्मी का काम है कूड़े को उठाना और कूड़ा तभी बनता है जब वह बेकार हो जाता है! अर्थात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोग भगवान की तरह पूजा करते हैं इसीलिए उनकी तस्वीरें अपने घर में और ऑफिस में लगाकर रखते हैं! जब किसी व्यक्ति का कोई कार्य नहीं बनता है या फिर बड़ी बाधा आ जाती है तो वह सबसे पहले अपने भगवान पर ही नाराज होता है कि हम तुम्हारी इतनी पूजा करते हैं उसके बाद भी हमारे साथ बुरा बर्ताव क्यों किया!



 कभी-कभी यह नौबत यहां तक आ जाती है कि लोग भगवान की पूजा करना छोड़ देते हैं और उनकी मूर्तियों का अनादर करते हुए फेंक देते हैं या फिर तोड देते हैं! यही कारण रहा होगा की बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, समय से पहले सेवानिवृत्त, पुरानी पेंशन बहाली की मांग, रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती में अनियमितता और सेना में अग्निपथ के रास्ते अग्नि वीरों की भर्ती और दिन में कृषि कानूनों को लेकर किसान जिस तरह नाराज थे और लगभग 11 महीने दिल्ली के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन किया! इसके साथ ही आवारा पशुओं से परेशानी और महंगी खाद बीज आदि को लेकर किसान नौजवान व्यापारी आदि को लेकर जिस तरह जनता परेशान है और उसके जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मानते हैं! विरोध स्वरूप कभी-कभी पुतला फूंकने तक की नौबत आ जाती है यहां तो सिर्फ प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को कहा गया है !

जब बीजेपी  विपक्ष में थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अक्सर भाषणों में यह सुनने को मिलता था कि महंगाई चरम पर है यहां तक कि स्मृति ईरानी ने गैस सिलेंडर लेकर भी प्रदर्शन किया! आज जब वह सत्ता में है रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं! पेट्रोल डीजल की बात तो करना ही नाइंसाफी होगा !

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने चुनावी प्रचार प्रसार में किए गए दावों पर जनता की निगाह में खरे नहीं उतरे! इसीलिए आज लोग उनसे नाराज हैं और उनकी तस्वीरों को उनके समर्थक  अपने घर और ऑफिस में बड़े आदर भाव के साथ लगा कर रखा था! अब स्थिति खराब होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों का अनादर किया और उनको दफ्तर या फिर अपने घर से बाहर फेंक दिया!

 वैसे तो यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरों के साथ किया गया बड़ा अन्याय है और क्षमा ना करने वाला अपराध है लेकिन इसमें कम पढ़ा लिखा सफाई कर्मचारी जिसको इस बात का ज्ञान नहीं है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर को अपने कूड़ा वाली गाड़ी में रख कर ले जाने से वह अनजाने बड़ा अपराध कर रहा है! यदि सफाई कर्मचारी को इस बात का ज्ञान होता तो शायद वह सपने में भी ऐसा ना करता! लेकिन जिम्मेदारों ने जिस तरह की कार्रवाई की है वह बहुत ही दर्दनाक है क्योंकि उसके पीछे उसके घर के कई सदस्य जो निर्दोष हैं वह भी इस कार्रवाई का शिकार हो गए होंगे!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थकों के सामने बहुत सारी समस्याएं खड़ी हो गई होंगी! यहां तक बच्चों की पढ़ाई लिखाई और शादी बरात भी टूटने की नौबत आ गई होगी! क्योंकि सफाई कर्मचारी छोटी तनख्वाह पाने वाला कर्मचारी होता है! उसके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वह है पैसा इकट्ठा कर अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई और उनकी शादी बरात करें! वह तो रोज कमाने खाने वाला एक छोटा कम पढ़ा लिखा साधारण मनुष्य ही होता है जो दुनियादारी से काफी दूर होता है! 

सफाई कर्मचारी यदि पढ़ा लिखा और जानकार होता है तो शायद बड़ा अधिकारी बना होता और देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की तस्वीरें को इस तरह कूड़े की गाड़ी में बेकार कूड़े की तरह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर हो कूड़े की गाड़ी में यह भोसिया भरकर ना ले जाता! सफाई कर्मचारी ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि यह तस्वीरें वह सड़क पर पड़े कचरे के साथ उठाई थीं! 

मथुरा से बीजेपी के मेयर मुकेश आर्य बंधु और अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त सत्येंद्र तिवारी मानते हैं कि सफ़ाईकर्मी बॉबी ने ऐसा अनजाने में किया और उनका कोई ग़लत मक़सद नहीं था. लेकिन, ''लापरवाही'' के लिए बॉबी के निलंबन को दोनों ने सही बताया है. अंग्रेज़ी अख़बार द टेलीग्राफ़ ने इस ख़बर को प्रमुखता से दिया है.

अख़बार लिखता है कि 45 साल के बॉबी को सुभाष इंटर कॉलेज के पास सड़क पर पड़े कचरे से 18x12 इंच की ये तस्वीरें मिली थीं. इस इलाक़े में पांच कॉलोनियों के लोग कचरा फेंकते हैं. मेयर का कहना है कि ये पॉश कॉलोनियां हैं और जाँच चल रही है कि किस घर से ये तस्वीरें फेंकी गई हैं.

हालाँकि, एक नगर निगम कर्मचारी ने पहचान छुपाने की शर्त पर बताया कि उन्होंने ये तस्वीरें एक स्थानीय नगर निगम दफ़्तर में दीवार पर लगी देखी हैं जो कचरे वाली जगह से 200 मीटर की दूरी पर है. हालाँकि, नगर निगम अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है.

सफ़ाईकर्मी बॉबी कचरा इकट्ठा करके शहर से बाहर डंपिंग ग्राउंड में फेंकने जा रहे थे कि एक कार उनकी कचरा गाड़ी के पास आकर रुकी. उसमें से तीन लोग उतरे जो खुद को राजस्थान में अलवर का रहने वाला बताते हैं. उन्होंने बॉबी को रोका और तस्वीरें दिखाने को कहा.

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