बिहार के मजदूर का बेटा चंद्रिका प्रसाद संतोखी सूरीनाम के राष्ट्रपति बने और 17वें प्रवासी भारतीय समारोह के मुख्य अतिथि है

 


भारत महान था, महान है और महान रहेगा! 70 से ज्यादा भारतीय मूल के नेता हैं, जिन्होंने दुनिया के अलग-अलग देशों के सर्वोच्च पदों को हासिल किया है! 

मध्य प्रदेश के इंदौर में चल रहे 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी होंगे! वह समारोह को सम्बोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक भी करेंगे! चंद्रिका प्रसाद पिछले साल ही सूरीनाम के राष्ट्रपति चुने गए हैं! पीएम मोदी ने मन की बात में भी इनका जिक्र ऐसे भारतवंशी के तौर पर किया था जो विदेश में रहकर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं! दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करेंगे! 

मध्य प्रदेश के इंदौर में पहला आयोजन 8 से 10 जनवरी तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दुनियाभर में रहने वाले भारतीय मूल के मेहमानो में 2100 प्रवासी भारतीयों ने  रजिस्ट्रेशन कराया है। दूसरा आयोजन 11 व 12 जनवरी को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआइएस) होगा। इसमें देश-दुनिया के उद्योगपति, निवेशक और कारोबारी संगठन हिस्सा लेने आ रहे हैं। लगभग 900 उद्यमियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। इस बार सरकार का जोर कंफर्म निवेश पर होने से 22 से 25 हजार करोड़ के लिए निवेशक तैयार हो गए हैं। इनसे 40 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे। यह निवेश इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर व जबलपुर क्षेत्रों में आ रहा है।

पिछले साल जुलाई में नेशनल एसेंबली ने पूर्व न्याय मंत्री और प्रोग्रेसिव रिफार्म पार्टी (पीआरपी) के नेता रहे संतोखी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए! चंद्रिका प्रसाद संतोखी जब लेटिन अमेरिकी देश सूरीनाम के राष्ट्रपति चुने गए तो उन्होंने संस्कृत में शपथ ली, जो दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी! 

लगभग 6 लाख आबादी वाले सूरीनाम में 27.4 फीसदी लोग भारतीय मूल के हैं!  यह वहां का सबसे बड़ा समूह है! राष्ट्रपति संतोखी की पार्टी भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है और इसे कभी वहां युनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी के नाम से जाना जाता था! 

3 फरवरी, 1959 को सूरीनाम में जन्‍मे चंद्रिका प्रसाद संतोखी की पिछली पीढ़ि‍यां बिहार से ताल्‍लुक रखती हैं! पिछले साल प्रवासी दिवस पर आयोजन को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए अपने भाषण की शुरुआत भारतीयों से ‘का हाल बा’ कहकर की थी, जिसने भारतीयों का दिल जीत लिया था! 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से 108 साल पहले वापस आए थे! पूरे विश्व में हर 6 में से 1 व्यक्ति भारतीय है! भारतीय मूल के प्रतिभाशाली दिमागों ने दुनिया भर के टेक पावर हाउसों में अपनी प्रतिभा के साथ एक रणनीतिक भूमिका निभाई!

कई भारतीय  दूसरे देशों में भी राष्ट्रप्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं या संभाल चुके हैं। आयरलैंड में इस वक्त भारतीय मूल के डॉक्टर लियो वरदकर देश के प्रधानमंत्री हैं, इनका ताल्लुक मुंबई से है। इसके अलावा मॉरिशस में भी भारतीय मूल के राजकेश्वर कैलाश पुर्याग देश के प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, जिनका ताल्लुक बिहार से है! 

फिजी लेबर पार्टी के नेता महेंद्र पाल चौधरी मई 1999 में फिजी के पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने।बनने से पहले ऑडिटर के तौर पर काम करने वाले महेंद्र का ताल्लुक हरियाणा राज्य से हैं। उनके दादा 1912 में हरियाणा से फिजी गए थे और वहां गन्ने के खेत में उन्होंने मजदूरी की।


भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने! ऋषि ही नहीं, दुनिया के कई अन्य देशों में भी भारतीय मूल के नेता अपनी काबिलियत के दम पर उन देशों के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। सबसे ज्यादा नौ बार मॉरिशस में भारतीय मूल के नेताओं ने राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री का पद संभाला है। इनमें सर शिवसागर रामगुलाम सबसे पहले हैं। शिवसागर 14 साल तक मॉरिशस के प्रधानमंत्री रहे। इनके पिता भारतीय थे और कुशवाहा समाज से आते थे।

सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा भारतीय मूल की हैं। इनका जन्म सिंगापुर में ही हुआ है। इनके पिता भारतीय और माता मलेशियन थीं। हलीमा के पिता वॉचमैन थे।

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो भी भारतीय मूल के हैं। 61 साल के एंटोनियो ने 2015 में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। एंटोनिया के पिता का जन्म गोवा में हुआ था।  

मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद भी भारतीय मूल के हैं। जगन्नाथ का जन्म हिंदू अहीर परिवार में हुआ है। इनके पिता भारतीय थे। जगन्नाथ ने यूनिवर्सिटी ऑफ बरकिंघम से लॉ की पढ़ाई की है।


 

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