उत्तराखंड के जोशीमठ में काफी घरों और होटलों में दरारें आ गई हैं! इसका कारण जमीन धंसना बताया जा रहा है! सरकार ने उन्हें गिराने का फैसला किया है! आज दो होटल गिराए जा रहे हैं जिसमें जोशीमठ के 'होटल मलारी इन' (Hotel Malari Inn) और होटल माउंट व्यू (Hotel Mount View) भी शामिल हैं! जानकारी के मुताबिक, होटल माउंट व्यू में समय और भीड़-भाड़ के अनुसार किराया बदलता रहता था! आम दिनों में 3 से लेकर 6 हजार रुपये के बीच अच्छा रूम बुक होता था!
जोशीमठ शहर में प्रशासन ने असुरक्षित घरों के बाहर क्रॉस का चिन्ह बनाया है। इन घरों को लोग छोड़कर जा रहे हैं। अपने घरों को छोड़ने पर लोग दुखी हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी के अनुसार अभी तक 678 इमारतें असुरक्षित पाई गई हैं। बहुत लोगों ने घर खाली कर दिए हैं और प्रक्रिया अभी जारी है। SDRF की 8 टीमें, एनडीआरएफ की 1 टीम, PAC की एक एक्स्ट्रा कंपनी और पुलिस अधिकारी वहां मौजूद हैं। अगर जरूरत पड़ी तो कुछ जगहों को सील किया जाएगा। एरिया की साइंटिफिक स्टडी की जा रही है।
जोशीमठ की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया! कहा है कि जरूरी मसलों पर काम करने के लिए देश में चुनी हुई सरकारें भी हैं। मसले पर 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी।
जोशीमठ में होटल (Joshimath Hotels) गिराए जाने से पहले व्यापार मंडल और दोनों होटलों के मालिकों ने आर्थिक मूल्यांकन की मांग की है। कहा कि मैं यहां से चला जाऊंगा। मुझे केंद्र और राज्य सरकार से तकलीफ है। मलारी इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने बताया कि अगर होटलों को लोगों के हित में गिराया जा रहा है तो मैं सरकार और प्रशासन के साथ हूं, फिर चाहे मेरे होटल में मामूली दरारें ही क्यों न हों। लेकिन मुझे नोटिस दिया जाना चाहिए था और इसकी कीमत आंकी जानी चाहिए थी।
MoS डिफेंस अजय भट्ट जोशीमठ पहुंच गए हैं। जोशीमठ में मौजूद आर्मी बेस पर उनकी स्थानीय प्रशासन से बातचीत चल रही है।
SDRF के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि इन होटलों को गिराना जरूरी है क्योंकि यहां आसपास कई घर और होटल हैं। अगर ये और ज्यादा धंस गए तो ये गिर भी सकते हैं। इसलिए एक्सपर्ट इसे तोड़ना चाहते हैं।
जोशीमठ में रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने 6 महीने तक 4000 रुपये प्रति महीना देने का ऐलान किया है।

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