सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर क्यों रखती हैं करवा चौथ का व्रत ?

 


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है! इस व्रत को विधिपूर्वक रखने से पति को लंबी आयु मिलती है! यह व्रत निर्जला रखा जाता है! करवा चौथ का व्रत अन्य व्रत की अपेक्षा कठिन होता है! इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा और शिव-पार्वती की पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं! 

हिंदू पंचांग के अनुसार  इस बार कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को रात 1 बजकर 59 मिनट से शुरू हो रही है! वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 08 मिनट पर होगा! ऐसे में करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा! करवा चौथ के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 54 मिनट से 7 बजकर 09 मिनट तक है! करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 8 बजकर 09 मिनट पर है! ऐसे में चंद्रोदय के बाद करवा चौथ व्रत का पारण करना सही रहेगा! 

मान्यतानुसार, जो महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें एक दिन पहले ही मेहंदी लगानी चाहिए! हिंदू धर्म में महेंदी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है! इसके साथ ही करवा चौथ व्रत के दिन 16 श्रृंगार जरूर करना चाहि! माना जाता है कि इसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता है! 

करवा चौथ व्रत में लाल रंग का विशेष महत्व है! इस लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है! इस दिन विवाहित महिलाओं को सफेद या काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए! करवा चौथ व्रत में लाल रंग के अलावा हरे, गुलाबी, नारंगी के वस्त्र पहन सकती हैं! 


करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, 2022 को पड़ने जा रहा है! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल करवा चौथ  का व्रत शुक्र ग्रह के अस्त होने के बीच रखा जाएगा! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैवाहिक जीवन, ऐश्वर्य और सुख का कारक ग्रह शुक्र 01 अक्टूबर से अस्त है! शुक्र देव 20 नवंबर तक अस्त रहने वाले हैं!  

करवा चौथ का व्रत कुछ महिलाएं 16 साल तक रखती हैं, वहीं कुछ महिलाएं जीवन भर इस व्रत को रखती हैं. ऐसे में जो महिलाएं इस बार करवा चौथ व्रत के उद्यापन के बारे में सोच रही हैं तो उन्हें शुक्र अस्त होने के दौरान व्रत का उद्यापन नहीं करना चाहिए! 

इसके साथ ही सबसे बड़ी बात तो यह है कुछ अविवाहित लड़कियों ने बताया कि वह भी करवा चौथ का व्रत रख रही हैं जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि यह व्रत किस लिए रखते हैं कि आने वाले समय में हमें जो जीवन साथी मिले वह सामाजिक हो और सुख शांति देने वाला हो साथ ही ईश्वर उसको लंबी आयु प्रदान करें इसके लिए हम इस व्रत को रख रही हैं! 


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