जैसा कि देश के साथ ही कई अन्य देशों में मालूम है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक संरक्षक और तीन बार भारत के बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद 8 बार सांसद रहे और सात बार विधायक रहे! इसके साथ ही केंद्र की राजनीति में रक्षा मंत्री रहते हुए यह कहा था कि हमें पाकिस्तान से नहीं चीन से सतर्क रहने की जरूरत है! पाकिस्तान तो हमारे लिए कुछ भी नहीं है! यही बात रक्षा मंत्री रहते हुए जॉर्ज फर्नाडीज ने कहा था कि हमें चीन से सतर्क रहने की जरूरत है! यदि उनकी इस बात का अमल हुआ होता तो आज चीन हमारे देश की सीमा में 100 घरों का गांव ना बता पाता और ना ही हमारी सीमा में अंदर आने की , जुर्रत करता! इसके साथ ही चीन की इतनी हिम्मत भी ना पड़ती कि वह गलवान घाटी जैसे नापाक अपने इरादे पर अमल कर पाता और हमारे 20 जवानों की शहादत भी ना होती!
धरतीपुत्र माननीय मुलायम सिंह यादव ने मौत और जिंदगी की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 10 अक्टूबर सोमवार को सुबह 8:00 बजे अंतिम सांस ली और इस मृत लोग को छोड़कर स्वर्गवासी हो गए माननीय धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव को हमारी तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित और ईश्वर से कामना है कि उनको अपने श्री चरणों में जगह दे इसके साथ ही अब सबसे बड़ी बात यह है और लोगों में चर्चा भी है कि नेताजी के जाने के बाद अब यादव परिवार बिखर जाएगा और समाजवादी पार्टी टूट जाएगी ऐसी जोर शोर से चर्चा चल रही है क्योंकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में मनमुटाव बना रहता है!
यहां पर हम यह बता देना चाहते हैं कि यह हमारी सनातन परंपरा रही है कि जब परिवार बड़ा होता है तो उसमें अलगाव होता चला आया है लेकिन हमारे देश में जिसको वीरों का देश कहा गया है यहां वीर ही जन्म लेते हैं और ज्यादातर करके पिता की विरासत को पुत्र आगे बढ़ाने का काम करते हैं और आगे ले भी जाते हैं!
अब रही बात सत्ता की या फिर परिवार की यह तो आदि काल से चला आ रहा है! सत्ता के कारण ही भगवान श्रीराम को भाई लक्ष्मण और सीता के साथ बन जाना पड़ा! सत्ता के कारण ही द्वापर में कौरव और पांडव का महा विनाशकारी युद्ध हुआ जिसके नायक श्री हरि के अवतार भगवान श्री कृष्ण थे और उन्होंने इस पूरे महाभारत में धर्म की रक्षा के लिए पांडवों की तरफ हमेशा बने रहे! यहां पर अब यह बात बता देना चाहते हैं कि जब नेता जी के अर्थात मुलायम सिंह यादव के पिता जी का स्वर्गवास हुआ होगा तब भी लोगों ने यही कहा होगा कि अब परिवार बिखर जाएगा!
धरतीपुत्र माननीय मुलायम सिंह यादव पूरे परिवार को संभाल कर और बांधकर रखा और ऐसी बुलंदियों को छुआ जहां आम आदमी के लिए पहुंचना बहुत ही मुश्किल है! यह कहना बिल्कुल ही गलत होगा कि अब परिवार बिखर जाएगा टूट जाएगा क्योंकि उस परिवार में आज के समय छोटे बड़े हर एक व्यक्ति नेता ही है! क्योंकि आज अखिलेश यादव के बेटे अर्जुन यादव और उनकी बेटी आदित्य यादव जिस तरह ट्विटर पर सक्रिय है उससे तो लगता यही है कि आने वाले समय में यह भी प्रदेश और देश की जनता की सेवा करने के लिए तैयार हो रहे हैं! सैफई के यादव परिवार में इतनी बड़ी तादात में महिलाओं से लेकर पुरुष राजनीति में है! उस परिवार को बिखरने का आरोप लगाना तो पूरी तरह ही गलत होगा!
हम समझते हैं क्योंकि अखिलेश यादव ने जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभाली थी तब लोगों ने यही कहा था कि यह कम उम्र के हैं इनकी राजनीतिक समझ इतनी नहीं हो सकती है कि वह देश के इतने बड़े सूबे को सही ढंग से चला पाएंगे लेकिन जिस तरह अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के साथ साथ उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले गए हैं! आज तक का ना कोई मुख्यमंत्री , विकास कर पाया है और आने वाले समय में ऐसा होता भी नहीं दिखाई पड़ता है! अखिलेश यादव को जानने वाले और समझने वाले लोग विकास पुरुष के रूप में जानते हैं!
मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने ही प्रदेश में सबसे बड़ा लंबा एक्सप्रेस वे आगरा एक्सप्रेसवे बनाया साथ ही कई जिलों में मेट्रो ट्रेन चलाने का भी काम किया है! इसके साथ ही लखनऊ में इकाना स्टेडियम बनवाया अन्य कई बड़े-बड़े प्रोजेक्टों पर काम किया है चाहे वह रिवरफ्रंट का काम हो या फिर बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देना हो या फिर हाई स्कूल इंटर पास बच्चों को लैपटॉप देना हो!
अखिलेश यादव ने सब का ध्यान रखा और प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने का काम किया है! यहां पर यह हम फिर बता देना चाहते हैं कि अखिलेश की सूझबूझ और समझ को छोटा करना बहुत ही नादानी होगी! अभी 6 महीने बाद जो नेताजी की सीट खाली हुई है उस पर उपचुनाव होने हैं जहां पर लोग यह कयास लगा रहे हैं कि इस सीट पर अखिलेश यादव खुद उम्मीदवार होंगे या फिर अपनी पत्नी डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाएंगे या फिर चाचा शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाएंगे इसके अलावा अपने छोटे भाई धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बना सकते हैं!
अब यहां पर उनकी बड़ी परीक्षा होनी है वह परिवार के साथ साथ इस कुर्सी को बचाने के लिए कितनी बड़ी सूझबूझ और अहम भूमिका निभाते हैं! यह तो समय ही बताएगा! जहां तक मेरा मानना है कि यदि अखिलेश यादव खुद के साथ डिंपल यादव और चाचा शिवपाल यादव को यह कह दे कि हमको आप पर विश्वास नहीं है लेकिन अपने भाई अर्थात चाचा शिवपाल के बेटे आदित्य यादव पर बड़ा भरोसा है और उनको ही इस सीट पर उम्मीदवार बना दें इससे आदित्य यादव उस क्षेत्र की जनता की लंबे समय तक सेवा करेंगे और पूरा परिवार एक सूत्र में बंध जाएगा! साथ ही चाचा शिवपाल यादव भी नहीं नाराज होंगे! क्योंकि यह सीट उनके ही बेटे आदित्य यादव को अखिलेश यादव ने दी है! यह बड़ा फैसला है! जहां तक मेरा फिर मानना है कि इसमें शिवपाल यादव खुशी महसूस करेंगे और परिवार का कोई भी सदस्य नाराज भी नहीं होगा और उम्मीद भी है कि यह सीट पर मैनपुरी की जनता उनको भारी बहुमत से विजई बनाकर लोकसभा में भेजने का काम करेगी! यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि परिवार टूटने से बच जाएगा!
रही बात धर्मेंद्र यादव को कहीं से भी चुनाव लड़ा कर सांसद बनाया जा सकता है उनको पहचान की जरूरत अब नहीं है क्योंकि उनको पहले से ही राजनीति के तौर पर लोग जानते हैं ! जहां पर हम यह जरूर कहेंगे कि जो लोग यह कह रहे हैं कि अब परिवार बिखर जाएगा पार्टी टूट जाएगी ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है क्योंकि उस यादव परिवार में सभी लोग समझदार हैं और ऐसा करने से पूरी तरह बचेंगे इसी में जनता और यादव परिवार की भलाई है!
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