बीकापुर तहसील के पांडु नदी पर लकड़ी का पुल बनाकर 2 ग्राम पंचायतों के कई मजदूरों के कई हजार लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं

 


उत्तर प्रदेश के कानपुर और उन्नाव के बीच बीघापुर तहसील क्षेत्र के गंगा नदी के पार पडने वाली पांडु नदी में पुल का निर्माण न होने से दो ग्राम पंचायत और उसके एक- एक दर्जन से अधिक मजरों में रहने लगभग 15 हजार से अधिक आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है! ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा आश्वासन देने के बाद भी आज तक पुल नहीं बना है! गांव के लोग लकड़ी का स्वयं पुल बनाते हैं और उसी से जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं! यह पुल बरसात में बह जाते हैं गंगा नदी व पांडु नदी के पार ग्राम पंचायत दूली खेड़ा व लाल खेड़ा है! इनके मजरा धर्मपुर, मंझा, चोर घटिया, अयोध्यापुरी, पंचघरा गडरिया पुरवा, भरोसे का पुरवा, सेड़वा व्यापारी का पुरवा आदि गांव नदी पार ही बसे है! बता दें कि 2009-10 में जुगनू के पुरवा के पास लगभग 150 मीटर लंबा पुल बनाया गया था कुछ दिन बाद उनका एक ऐसा ध्वस्त हो गया था! ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था कर आना जाना शुरू कर दिया था! प्रशासन ने आवागमन प्रतिबंधित कर 15 जनवरी 2021 को ध्वस्त करते हुए गिरा दिया था! 21 जनवरी 2021 को ग्रामीणों ने चौड़ा पुरवा के सामने लकड़ी का पुल बनाया उसके 2 दिन बाद पुराने पुल के पास जगनू  के पुरवा के सामने लकड़ी का पुल बना दिया! बरसात में पुल बह जाने के बाद ग्रामीणों ने चौड़ा  के पुरवा के सामने लकड़ी का पुल बनाकर आवागमन करते हैं! दूली खेड़ा के ग्राम प्रधान श्री कृष्ण ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने रास्ते के लिए प्रस्ताव मांगा था और तहसील के माध्यम से भिजवा दिया गया था फिर भी आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई! 


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