उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में ऐसी जगह जहां दिन में भी लोग जाने से डरते हैं

 


भारत को ऐसे ही महान नहीं कहा गया है यहां बहुत सारी ऐसी जगह हैं जहां नहाने मात्र से चर्म रोग और पाप धुल जाते हैं और ऐसी जगह भी है जहां आज भी वैज्ञानिक युग में जाने से लोग डरते हैं! लोगों को ये कहते सुना होगा कि भूत-प्रेत कुछ नहीं होता है। सब मन का भ्रम होता है। कुछ ऐसी जगह है जहां पैरानॉर्मल शक्ति भूत-प्रेत, आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा होने का एहसास होता है। दुनिया में ऐसी बहुत सी पैरानार्मल जगहें हैं जहां पर वैज्ञानिक युग होने के बाद आज भी लोग जाने से डराते हैं।

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन शहर का एतिहासिक महत्व होने के साथ ही भूतिया किस्से भी हैं, आज भी लोग यहां की कई डरावनी जगहों पर जाने से डरते हैं। यहाँ रात के अंधेरे में तो क्या दिन में भी नहीं जाते हैं।

कानपुर में जिन्नातों की मस्जिद सबसे डरावनी जगहों में से एक है। बताया  जाता है कि ये मस्जिद 350 साल से भी ज्यादा पुरानी है। कहा जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण जिन्नातों ने रातों-रात में किया था। जिन्नात रात में नमाज अदा करते हैं और अदालत लगाकर भूत-प्रेतों को सजा सुनाई जाती है। जिन लोगों पर भूत-प्रेतों का साया रहता है वो यहां पहुंचते हैं।

कानपुर का रतनलाल में जैना प्लेस है जो बहुत डरावनी जगह माना जाता है। लोगों का मानना है कि बिल्डिंग को बनाते समय एक मजदूर की मौत हो गई थी। तभी से आज तक सूरज ढलने के बाद यहां पर कोई नहीं जाता है। 

गंगा बैराज कानपुर में घूमने की सबसे बेस्ट जगहों में से एक है। यहां पर यूथ और परिवार के लोग पिकनिक मनाने आते हैं, लेकिन रात में आना मना है। लोग रात के समय गंगा बैराज से गुजरने में डरते हैं। कई बार लोगों ने रात के समय सफेद साड़ी पहने महिला को देखा है। लोगों का मानना है कि यहां पर कोई अदृश्य शक्ति है जो परेशान करती है।

शहर के सिविल लाइंस ग्रेव यार्ड बहुत डरावनी जगहों मे से एक है। कई बार लोगों को यहां पर रात में तंबाकू मांगता सिर कटा हुआ भूत दिखाई दिया है। 

 खेरेश्वरधाम मंदिर शहर से 40 किलोमीटर दूर शिवराजपुर में गंगा नदी से 2 किलोमीटर दूर स्थित है।  ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को गुरू द्रोणाचार्य ने बनवाया था। इस प्राचीन मंदिर में शिवजी प्रकट हुए थे। लोगों का कहना है कि इस मंदिर में हर रोज रात 12 से 1 बजे के बीच गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा शिवलिंग की पूजा करने के लिए आते हैं। मान्यता है गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा का जन्म यही पर हुआ था। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सुबह जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो शिवलिंग पर चढ़े हुए सफेद फूल लाल रंग के हो जाते हैं। कानपुर में इन डरावनी जगहों के अलावा दबा खजाना, गंगा बैराज, सुजातगंज है। इन जगहों के बारे में भी भूत-प्रेत की कहानी प्रचलित है।

कानपुर में औनाहा, बिनौर, सचेंडी, शखरेज रावतपुर, काकादेव, पुखरायां, मूसानगर, शिवराजपुर, जाजमऊटीला, बिठूर पेशवा महल, रमईपुर जैसी जगहों पर ख़ज़ाना मिलने की बात सुनने को मिलती रहती है! यहां आज भी खुदाई के दौरान पुराने ज़माने सिक्के मिल जाते हैं! इस बात की पुष्टि इतिहासकारों ने की है! साथ ही, स्थानीय लोगों ने भी ख़ज़ाना मिलने की बात कही!


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