अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के बाद एक बार फिर से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है! अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन पहले भी लगातार दावे करता रहा है और भारत हर बार उसका सख़्ती से खंडन करता रहा है! चीन अरुणाचल प्रदेश को अपनी ज़मीन बताता है और उसे दक्षिण तिब्बत कहता है! भारत और चीन के बीच लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर विवाद रहा है जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा या एलएसी कहा जाता है!
भारत के विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश की कुछ जगहों का नया नाम रखने के चीन के क़दम पर सख़्त आपत्ति जताई थी और कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और आगे भी रहेगा!
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार का पक्ष रखा है! कहा, ''नौ दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाक़े में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफ़ बदलने का प्रयास किया! राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सेनाएँ हमारी संप्रभु अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसके ख़िलाफ़ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैं! मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार की ओर से संसद में बयान दिया है! सोमवार की शाम ख़बर आई थी कि चीनी सैनिकों और भारत के सैनिकों की बीच झड़प में दोनों देशों के कई सैनिक ज़ख़्मी हुए हैं! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा है कि इस झड़प में कुछ भारतीय सैनिकों को चोटें आई हैं, लेकिन किसी भी सैनिक की मौत नहीं हुई है! " भारतीय सेना ने बहादुरी से चीनी सैनिकों को हमारे इलाक़े में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया! इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं!
उधर लोकसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया! विपक्ष सवाल पूछ रहा है कि घटना नौ दिसंबर की है तो सरकार तीन दिनों तक चुप क्यों रही!
अरुणाचल प्रदेश पूर्व के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा है कि तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीन के सैनिकों को ज़्यादा नुक़सान पहुंचा है! भारतीय सेना ने 9 दिसंबर, शुक्रवार को भारत और चीन के जवानों के बीच झड़प होने की पुष्टि की है!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 'मैं स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि जब तक मोदी सरकार सत्ता में है, तब तक कोई भारत की एक इंच ज़मीन नहीं क़ब्ज़ा सकता है!
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी कहा है कि 'इस बात में कोई शक़ नहीं है कि तवांग पर चीन की नज़रें हैं और हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है! बता दे कि रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव और जॉर्ज फर्नाडीज ने कहा था कि पाकिस्तान से ज्यादा चीन से सतर्क रहने की जरूरत है!
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, चीन ने कहा है कि भारत से लगी सरहद पर हालात स्थिर हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने वांग वेनबिन ने कहा कि भारत से सैन्य और राजनयिक स्तर पर बात चल रही है!
बता दें कि इससे पहले जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान मारे गए थे! गलवान के बाद यह पहला मौका है जब चीन और भारत के सैनिक इस तरह से आमने -सामने आए हैं! घटना के बाद से विपक्ष, सरकार पर हमलावर है!

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