जानकारी के अनुसार कैंसर जैसे असाध्य रोग जानवरों को भी निशाना बनाया है! डॉक्टरों का कहना है कि वर्ष 2009 में किशनपुर कापटांडा से रेस्क्यू कर लखनऊ प्राणी उद्यान लाए गए आदमखोर बाघ किशन को शुरुआती दौर में पता चल गया था कि उसे कैंसर की बीमारी है! इसलिए हर 6 माह में कीमोथेरेपी की जाती है! उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने से अब खाना भी छोड़ दिया है! सोमवार को बाड़े से बाहर नहीं आया! बाघ किशन कान और मुंह के पास की वाहिनीयों के कैंसर से पीड़ित है! लगभग 13 साल से उसका इलाज चल रहा है! बढ़ती उम्र और रोग के कारण उसकी स्थिति दिन प्रतिदिन क्षीण होती जा रही है!
उधर वर्ष 2019 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व से मरणासन्न स्थिति में रेस्क्यू कर लाई गई वृद्ध बाघिन कजरी की भी तबीयत ठीक नहीं है! खाने में सिर्फ नरम गोश्त ही खा पा रही है! देखने सुनने और ज्यादा चलने फिरने से लाचार होने के कारण जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं!
लखनऊ प्राणी उद्यान में मादा तेंदुआ सोनाली की सोमवार को मौत हो गई! बीमारी से पीड़ित सोनाली अपनी औसत उम्र पूरी कर चुकी थी! सोनाली को लगभग 4:30 साल पहले रेस्क्यू कर यहां लाया गया था!


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