कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा जो 20 पूरे चुकी है! 3.50 हजार किलोमीटर दूरी 150 दिन में तय करेगी उसका आज 20 वा दिन है! इस बीच कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को भारी जनसमर्थन मिल रहा है! भारतीय जनता पार्टी में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर चिंता बढ़ा दी है! बीच-बीच में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भारत जोड़ो यात्रा पर और राहुल गांधी पर कई प्रकार की टिप्पणियां भी की जाती हैं! जिसको लेकर कांग्रेस के पदाधिकारी हमलावर होकर कड़ा विरोध करते हुए जवाब भी देते हैं और भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओ और जनता में उत्साह बढ़ता ही जा रहा है! यदि इसी तरह जनसमर्थन भारत जोड़ो यात्रा को मिलता रहा तो इस यात्रा का असर 2024 के लोकसभा चुनाव में काफी प्रभाव डालने वाला साबित होगा! उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव व मुलायम सिंह यादव का फॉर्मूला सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का यदि कामयाब हो गया तो आने वाला समय बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी! वैसे भी नीतीश कुमार और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि जो 2014 में आए थे वह 2024 में नहीं आएंगे! इसके लिए हमें चाहे जितनी मेहनत करनी पड़े! बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश कुमार कह चुके हैं हम अपने खर्चे पर, जातिगत जनगणना कराएंगे इसके साथ ही ओबीसी एससी एसटी और मायनाइरीटी के लोग जो देश में लगभग 85 फीसद हैं! यदि इनको विपक्ष मनाने में कामयाब हो गया तो आने वाला 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए मुश्किलों से भरा होगा!
Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के 19वें दिन (यानी कल) कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बीजेपी (BJP) शासित केंद्र सरकार पर निशाना साधते कहा कि बीजेपी-आरएसएस चाहती है कि यात्रा का बंटवारा हो जाए. राहुल गांधी ने कहा, बीजेपी-आरएसएस भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से परेशान है जिस कारण वो चाहती है कि इस नदी (रैली में शामिल लोग) विभाजित हो जाएं.
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का संकेत दिया है! ्दिग्विजय सिंह का ये बयान ऐसे वक्त पर आया, जब राजस्थान में सियासी संकट जारी है! चर्चा है कि राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे से अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं! ऐसे में अब मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे हैं!
वैसे भी बीजेपी वाले कहते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया लेकिन कांग्रेस की तरफ से बार-बार यह कहा जाता है कि हमने भारत जोड़ने का काम किया है ना की बांटने का इसी को लेकर भारत जोड़ो यात्रा हो रही है आज हम जनता की समस्याएं महंगाई बेरोजगारी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि जनता इससे उबर नहीं पा रही आज पढ़े-लिखे युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बन गई है कि जब सब कुछ निजी करण होगा तो हम लोगों को रोजगार कहां से मिलेगा गांधी परिवार ने देश को ना टूटने के लिए अपने परिवार के कई सदस्यों को खोया है लेकिन देश को बट ने नहीं दिया! कांग्रेस के समय ही हर भूमिहीन व्यक्ति को पांचवी के खेती लायक जमीन का पट्टा किया था जिसकी कीमत आज करोड़ों में है कांग्रेस ने ही सूचना क्रांति आरटीआई मनरेगा आदि जैसी बड़ी जनहित योजनाओं को अपने कार्यकाल में जनता के लिए समर्पित किया इसलिए यह कहना तो बिल्कुल ठीक नहीं होगा कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया राजीव गांधी के ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना शुरू की गई थी जो आज धरातल पर पहुंच पाई है जिसका लाभ पूरे गांव वासियों को मिलता है!
शिंजो आबे को भारत और जापान के संबंधों को मजबूत करने वाले जापानी प्रधानमंत्री के तौर पर याद किया जाता है! प्रधानमंत्री मोदी उनके राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जापान पहुंच चुके हैं! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में तो शामिल होंगे ही, साथ ही आबे की पत्नी और पीएम फुमियो किशिदा से मिलकर संवेदना भी व्यक्त करेंगे!
भारत के कुल आबादी का 70 फीसद जनसंख्या परोक्ष और अपरोक्ष रूप से किसानी पर आधारित है यदि किसान खुशहाल होगा तो भारत को महान बनने में कोई ताकत रोक नहीं सकती! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी शिंजो अबे के राज्य की अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गए इसमें कोई दिक्कत नहीं है दिक्कत तब पैदा होती है जब हमारे देश के अन्नदाता को परेशानी होती है! उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती! तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसान और उनके नेता दिल्ली के बॉर्डर पर लगभग 13 माह गर्मी जाड़ा और भारी बारिश को सहते हुए आंदोलन जारी रखा! कई मंत्रियों ने और भाजपा नेताओं ने किसानों के आंदोलन को निष्फल करने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन किसान एकता ने केंद्र की हठधर्मिता वाली सरकार को झुका के रख दिया! प्रधानमंत्री कहते रहे कि हम एक फोन कॉल की दूरी पर है! किसी भी समय किसान बात कर सकते हैं लेकिन 13 माह में किसानों से बात करने के लिए प्रधानमंत्री को 5 मिनट का समय नहीं मिला! आंदोलन के दौरान लगभग 750 शहीद हो गए लेकिन अन्नदाता की शहादत पर दो शब्द बोलने और उनके परिवार के दुख में शामिल होने समय नहीं मिला! हार ना मानने वाले किसान केंद्र की सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया! आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम यह तीनों में कृषि कानून वापस लेते हैं! हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई जिससे हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए! किसानों पर हुए मुकदमे भी वापस लेते हैं और उनको एमएसपी की गारंटी दी जाती है लेकिन आज तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई हां इतना जरूर है कि जब कोई बड़ा आंदोलन होता है तो उसमें से 12 बड़े नेता उभर कर सामने आते हैं जैसे अन्ना हजारे के आंदोलन में अरविंद केजरीवाल और किसान आंदोलन के चलते राकेश टिकैत देश दुनिया में अपना स्थान बना चुके हैं! हमारे देश में महंगाई के चलते किसान किसान अपने बच्चों को ना ही ठीक से पढ़ा पाते हैं और ना ही उनकी अच्छी परवरिश कर पाते हैं घर बनाने का सपना तो दूर की बात रही दिक्कत तो और ज्यादा हो जाती है जब किसान कर्ज में डूब कर आत्महत्या कर लेता है और उसका परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ पड़ता है बड़े-बड़े उद्योगपतियों का भारी-भरकम कर्ज माफ कर दिया जाता है लेकिन किसान का कर्जा नहीं माफ किया जाता सबसे बड़ी बात यह है यह कर्जा किसान अपने बच्चों की शादी और पढ़ाई के लिए लेते हैं जिसको वह आसानी से अदा नहीं कर पाते हैं उसके बाद परेशान होकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं यदि हमारी सरकार किसानों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें तो किसानों की आत्महत्या में काफी कमी देखने को मिलेगी वैसे भी हम भुखमरी के सूची पर 101 वें स्थान पर हैं यदि हमारा किसान खुशहाल नहीं होगा तो हम शायद भुखमरी के सूची में और आगे बढ़ जाए!

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