लखनऊ के पुराने शहर के अंबरगंज में मंगलवार को गुलाब माविया मस्जिद के पास बगैर सुरक्षा उपकरण के ठेकेदार की मनमानी के चलते सीवर लाइन सफाई के काम में लगे 2 कर्मचारियों को अपनी जान गवनी पड़ी थी। इसके बाद पीड़ित परिवारीजनों द्वारा भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। यह आवाज शासन तक पहुंची। इसी के चलते उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बुधवार को मृतकों के घर पहुंच कर जान गवाने वाले सफाई कर्मियों के परिजनों को नौकरी दिलाने का वादा किया साथ ही 20 लाख रुपए की आरटीजीएस रसीद भी सौंपी। बृजेश पाठक ने पीड़ित परिवारों को डूडा का मकान देने के लिए नगर आयुक्त को निर्देश भी दिए। साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने का वादा भी किया। इस बीच मृतक कर्मचारियों का पार्थिव शरीर भी पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया। डिप्टी सीएम ने पार्थिव शरीर को नमन किया और कुछ देर के लिए परिवारी जनों के साथ स्वयं जमीन पर बैठ गए। इस बीच राज्य मंत्री नगर विकास राकेश राठौर पार्षद राजीव प्रश्न त्रिपाठी और अपर नगर आयुक्त अभय पांडे मौजूद रहे।
उधर राज्य सफाई कर्मचारी आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कठोर कानून बनाने की मांग की जिससे बिना सुरक्षा उपकरण दिए कर्मचारियों से सीवर की सफाई का काम कराने से होने वाली मौतों पर लगाम लगाया जा सके। दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग के साथ ही कर्मचारियों को सीवर मैनहोल में न उतारे जाने की मांग उठाई गई है। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्यामलाल बाल्मिक का कहना है कि प्रदेश में कई सालों में 27 लोगों की मौत सीवर सफाई कार्य के दौरान जहरीली गैस निकलने से हो चुकी है। लेकिन आज तक कोई कठोर कानून नहीं बनाया गया जिससे इस तरह की मौतों पर लगाम लगाई जा सके।
उधर नगर विकास मंत्री ने पीड़ित परिवारी जनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है कहां की प्रत्येक मृतकों के आश्रितों को 20 20 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है और बिना सुरक्षा उपकरण के ही सफाई कर्मियों को उतारने के लिए जिम्मेदार संबंधित कंपनियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जा चुकी है।
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