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| मोहम्मद यासिर खान |
लखनऊ। भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यह कहे की यहां योग्यता की कमी है लेकिन उत्तर प्रदेश और भारत देश में प्रतिभा और मिलनसार की कमी नहीं है। यहां के छात्रों ने videsho में भी अपनी योग्यता और आपसी मेल विलाप का लोहा manvaya है। हमारे देश में alpsankhyako ने आगे आकर देश का नाम रोशन किया है। वीर अब्दुल हमीद और एलपीजी अब्दुल कलम आदि लोगों ने देश को unchaiyon पर ले जाने का कम किया है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के यासिर खान छात्र राजनीति में भी विदेश में damkham दिखाया है। लखनऊ के रकाबगंज निवासी mayasir खान लंदन के किंग्स कॉलेज में chhatrasangh अध्यक्ष के चुनाव में निर्वाचित हुए हैं उन्होंने 40000 के छात्र पुल का नेतृत्व करेंगे। यह छात्र संघ यूके का सबसे बड़े छात्र sanghon में से एक है।
मो यासिर खान ने दवा किया की वह कॉलेज के 149 सालों के इतिहास में chhatrasangh अध्यक्ष निर्वाचित होने वाले पहले भारतीय छात्र हैं। मोहम्मद यासिर खान ला martinier कॉलेज के छात्र रहे हैं। इस समय वह लंदन में किंग्स कॉलेज में इंटरनेशनल रिलेशंस एंड पॉलिटिक्स के द्वितीया साल के छात्र हैं। mo yasir खान ने चुनाव के लिए अपनी manufacto में फीस कटौती की मांग, senatory सामग्री nishulk मुहैया कराना और कोविड के दौरान छात्रों को होने वाले samasyaon को pramukhta से उठाया। इसी को लेकर वे छात्रों के बीच चाहते बन गए । mo yasir खान के अनुसार कॉलेज में लगभग 150 देशों से 40 हजार छात्र पढ़ते हैं।यासीन के पिता mo nasir खान बिजनेसमैन हैं। उन्होंने कहा मेरे लिए गर्व की बात है। mo yasir छात्र संघ का अध्यक्ष बनने वाला पहले भारतीय बने। मोहम्मद यासिर के बड़े भाई लखनऊ विश्वविद्यालय में विधि के छात्र जावेद खान ने छोटे भाई की उपलब्धि पर prasannta जताई है।

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