हमारे देश में सनानत परंपरा को आज भी माना जाता है। इस परंपरा में हम सामाजिक ताने बाने को पूरी तरह से संजोकर रखे हैं। अतिथि और बुजुर्गों व माताओं-बहनों का आदर और छोटो को प्यार बांटने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को काले झंडे दिखाकर अपनी बहन का अपमान किया गया है। जिनको पश्चिम बंगाल के चुनाव के समय ओ दीदी, दीदी ओ दीदी कहते नहीं थकते थे। तबके और अबके धर्म में कोई फर्क नहीं है। परिणाम स्वयं अपमान करने वाले भुगतेंगे।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को वाराणसी में तीन जगहों पर काले झंडे दिखाए जाने को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमत्री अखिलेश यादव ने जताई नाराजगी। बीजेपी पर हार के डर ऐसा करने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में बीजेपी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में हुई हार के सदमे से अभी भी नहीं उबरी है इसीलिए बनारस में काले झंडे दिखा रही है।
वाराणसी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चेतगंज लेबर चौराहे के पास जुटे हिंदू युवा वाहिनी के 20-25 कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लहराकर उनका विरोध किया। ममता गाड़ी से उतरकर विरोध करने वालों के सामने आ गईं और कुछ मिनट तक वहीं खड़ी रहीं। गंगा आरती के लिए जाते वक्त गोदौलिया चौराहा और दशाश्वमेध पर भी भाजपा के झंडे लहराकर जय श्रीराम के नारे लगाकर उनका विरोध किया। आरती से लौटते वक्त गोदौलिया चौराहे पर भी दो युवकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए।
UP Assembly Election 2022-छठे, सातवें चरण में भाजपा का नहीं खुल पाएगा खाता : अखिलेश यादव
इसको लेकर अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा- भाजपा के बिगड़े हालात हैं, क्योंकि दीदी-भइया साथ हैं। भाजपा प.बंगाल में हुई शर्मिंदा हार के सदमे से अभी भी नहीं उबरी है, इसीलिए ममता बनर्जी जी को बनारस में काले झंडे दिखा रही है। ये भाजपाइयों की हताशा का ही दूसरा रूप है क्योंकि वो जानते हैं कि वो उप्र भी बुरी तरह हार रहे हैं।
CM ममता बनर्जी तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार शाम 4.30 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचीं थीं। कुछ देर के विश्राम के बाद शाम साढ़े पांच बजे के बाद वह दशाश्वमेध घाट के लिए निकलीं। चेतगंज में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता उनके सामने आ गए और काले झंडे लहराते हुए ममता वापस जाओ के नारे लगाने लगे। ममता का काफिला रुका तो वह कार से उतर गईं और विरोध करने वालों के सामने कुछ देर तक खड़ी रहीं। ममता ने कहा कि हार के डर से सत्ताधारी दल के इशारे पर उनका विरोध कराया जा रहा है। ये भाजपाइयों की हताशा का ही दूसरा रूप है क्योंकि वो जानते हैं कि वो उप्र भी बुरी तरह हार रहे हैं
एक टिप्पणी भेजें
please do not comment spam and link