UGC ने सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में स्नातक में दाखिला देने के लिए रविवार को सभी कुलपतियों, निदेशकों अैर प्रधानाचार्यों को पत्र भेजा है। कहा गया है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CUET 2022) के आधार पर ही स्नातक में दाखिला दिया जा सकेगा। यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 12वीं के प्राप्तांक नहीं अब संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही केंद्रीय विवि दाखिला दे सकेंगे। कहा कि छात्र हित के लिए डीम्ड, स्टेट और निजी विवि को भी इसमें शामिल होना चाहिए। इसीलिए सभी कुलपतियों और निदेशकों को पत्र लिखा गया है।
अभी देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालयों में 12वीं के अंक और प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को दाखिला दिया जता है। कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालय सीयूईटी 2022 में शामिल होते हैं तो छात्र और अभिभावकों के समय के साथ ही पैसे की बचत होगी। संयुक्त प्रवेश प्ररीक्षा के माध्यम से दाखिला दिया जाता है तो छात्रों को अलग-अलग विवि में दाखिले के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र और प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पडे़गी। इससे दूर दराज के इलाकों के छात्रों को भी बेहतर मौके मिल सकेंगें।
सभी विश्वविद्यालयों और कालेजो में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) से जब दाखिले लिये जाएंगे यह तो अच्छी बात है लेकिन यहां पर एक बात को लेकर संशय बना हुआ है कि जो छात्र सीयूईटी में उत्तीर्ण नहीं होंगे उनको क्या होगा इसके लिए कोई रास्ता नहीं दिखाया गया है। अब तो लगता है कि बीजेपी सरकार में स्नातक और स्नात्कोतर की पढ़ाई के लिए भी लाले पड़ जाएंगे। नौकरी तो दूर की बात है अब तो उच्च शिक्षा पाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। अर्थात बहुत बड़ी संख्या में बच्चे इंटर की पढ़ाई करने के बाद या निजी संस्थानों में 7-8 हजार की नौकरी करें या फिर गांव में जाकर मनरेगा मजदूर बन जाए। वैसे भी सरकार निजीकरण को बढ़ा देने के लिए कई पब्लिक सेक्टर की कंपनियों का निजीकरण कर रही है।

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