कोरोना संकटकाल में कर्मचारियों, अफसरों को 4 दिन ही कार्यालय बुलाया जाए: अखिलेश

Akhilesh

सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि करोना महामारी के संकट काल में अधिकारियों व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सप्ताह में 4 दिन ही कार्यालय बुलाया जाए। कोरोना के हलके लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही क्वारंटाइन होने की अनुमति देनी चाहिए। क्योंकि अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए बेड कम न पड़े इलाज में भी दिक्कत न हो।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अस्पतालों में करोना के नाम पर इन दिनों गंभीर मरीजों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाराबंकी जिला महिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड, ओटी कोविड-19, प्रसव कक्ष सबमे सीलन है। दूसरी निर्माण संबंधी खामियां मिली है जबकि 100 बेड के अस्पताल के निर्माण पर ₹20 करोड़ खर्च किए हैं । 

केजीएमयू में भी मरीजों को घंटों इंतजार कराने और इलाज में लापरवाही की शिकायतें आम हैं। सीतापुर के अयोध्या के पैर में फैक्चर था जांच के नाम पर घंटों इलाज नहीं हुआ, रायबरेली के सुमित को 19 घंटे इलाज के लिए तड़पना पड़ा। 

मलिहाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम टिकारी हार निवासी रामेश्वर यादव का एक्सीडेंट हो गया था, इससे उन को गंभीर चोट आई थी। इस दुर्घटना में उनका सर फट गया। साथ ही गले और पीठ की हड्डियों में काफी चोटें आई। इनका इलाज करने के पहले 4 घंटे कोरोना की जांच करने के लिए ट्रामा सेंटर में रखा गया। तब तक मरीज की हालत और गंभीर हो चुकी थी। 5- 6 घंटे बाद इलाज शुरू हुआ और ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के ठीक 2 दिन बाद उनको छुट्टी कर दी गई। जबकि मरीज की हालत ठीक नहीं थी। साथ ही पुलिस ने दुर्घटना मामले की f.i.r. तक नहीं की। एक रिपोर्टर के दबाव बनाने के बाद दो-तीन दिन बीतने के बाद f.i.r. की गई, लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हुई। उन्होंने कहा है कि कोरोना संकट है ही, अस्पतालों में इससे अन्य गंभीर मरीजों का न हो यह स्वास्थ्य विभाग को मरीजों के लिए सुविधाजनक व्यवस्था करनी चाहिए।


स्वास्थ्य सेवाएं सपा सरकार की देन: अखिलेश

अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में जो स्वास्थ्य सेवाएं हैं वह समाजवादी सरकार की ही व्यवस्था है। भाजपा सरकार में एक नया मेडिकल कॉलेज नहीं बना। अस्पतालों में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। समाजवादी सरकार में मुफ्त इलाज की व्यवस्था, गंभीर लोगों की किडनी दिल लीवर और कैंसर की भी थी लखनऊ में कैंसर अस्पताल भी तभी बना प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें दोगुनी की गई । इन सबको भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया। जनता की परेशानी से सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है। भाजपा अमानवी एवं संवेदनहीन व्यवहार कर रही है।




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