सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था फैल रही है । स्कूल कॉलेज कोरोना संकट कारण बंद है। ऑनलाइन पढ़ाई पटरी पर नहीं आ पा रही है । गरीब परिवारों के बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है। अधिकतर स्थानों खासकर देहात में नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। ऑनलाइन पढ़ाई सिर्फ संपन्न परिवारों के लिए हो रही है।
अखिलेश यादव ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने स्कूल कॉलेज तो बंद कर दिए, लेकिन उन में कार्यरत शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की जिंदगी कैसे चलेगी इसकी चिंता नहीं की है।
प्रबंधन पर विद्यालय बंदी के समय की फीस भी न लेने का दबाव बना रही। ऐसी स्थिति में जो अभिभावक सक्षम थे वह भी फीस नहीं जमा कर रहे हैं। नतीजतन 10 लाख से ज्यादा प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षक वेतन के अभाव में भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। स्थिति यह है कि कुछ प्राइवेट विद्यालयों में मार्च-अप्रैल का वेतन दे दिया, लेकिन आगे वेतन देने से हाथ रोक लिए हैं।
वहीं कई विद्यालयों के शिक्षकों को मार्च का वेतन भी नहीं मिला है। जो अपने शिक्षण कार्य से आजीविका चला रहे थे उनके सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। बेकारी व भूख से बहुत से शिक्षक अवसाद ग्रस्त हो गए हैं। सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा जगत के प्रति भाजपा सरकार में थोड़ी भी सम्मान का भाव होता तो वह प्राइवेट मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के लिए न्यूनतम वेतन का सहयोग कर देती। इससे सुविधा के अनुसार ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते थे और अभिभावकों पर ही इसका कुछ दबाव कम हो जाता।
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