जबरन कवारंटीन सेंटर ले जाने पर बैठी अदालत एवं अपनी पसंद की जगह पर कवारंटीन होने की सुविधा न देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है

JABRAN QUARANTINE KARNE PAR KARYAVAHI

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को होम कवारंटीन या अपनी पसंद की जगह पर कवारंटीन होने की सुविधा न देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। ऐसी शिकायतों पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर के कवारंटीन सेंटरों की व्यवस्था की मॉनिटरी कर रही है। पीठ को तत्काल मामले की सुनवाई का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश का कहना है कि हमारी जानकारी में लाया गया कि प्रयागराज के अस्पतालों में कोरोना मरीजों का संक्रमित संदिग्धों के इलाज व क्वारंटाइन करने की पर्याप्त व्यवस्था और स्थान नहीं है अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं है जिला प्रशासन प्रोटोकॉल के नाम पर मरीजों का संदिग्धों को होम क्वारंटाइन यह शोले शोले की अनुमति नहीं दे रहा। जबकि आयुष मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।ऐसे में मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर शुक्रवार को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ सुनवाई के लिए बैठी। बावजूद इसके कि इस समय हाईकोर्ट सैनिटाइजेशन के लिए बंद चल रहा है।

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