राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना एनपीएस की तर्ज पर राज्य सरकार भी मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना सी एमएपीएस शुरू करने का फैसला किया है। इसके साथ आईटीआई से प्रशिक्षित युवकों को अप्रेंटिस कराने वाले कंपनियों को राज्य सरकार ₹1000 की प्रतिपूर्ति करेगी योजना इसी वित्तीय वर्ष से शुरू करने की तैयारी है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत आईटीआई से प्रशिक्षित युवकों को अपरेंटिस कराने वाली कंपनियां प्रतिमाह मानदेय के रूप में एक निश्चित रकम देती हैं। इस रकम का 25% या अधिकतम पंद्रह सौ रुपए केंद्र सरकार की ओर से संबंधित कंपनी को प्रतिपूर्ति की जाती है। अब राज्य सरकार भी अप्रेंटिस कराने वाले कंपनियों को प्रति युवक ₹1000 प्रति माह प्रतिपूर्ति के रूप में देगी। यानी प्रत्येक प्रशिक्षु को अपरेंटिस कराने वाली इकाइयों को अब कुल ₹2500 प्रति माह प्रतिपूर्ति के रूप में दिए जाएंगे।
योजना के लिए बजट में 100 करोड़ों रुपए की व्यवस्था भी कर दी गई है इस वित्तीय वर्ष में 85000 युवकों को अप्रेंटिस कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसका लाभ उसी प्रशिक्षु को मिलेगा जिसने अपना पंजीकरण राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना में कराया होगा। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योजना शुरू होने से जहां कंपनी प्रशिक्षित युवकों को अपरेंटिस कराने के प्रति उत्साहित होंगे वही अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने में भी मदद मिलेगी।

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