वर्षों से नहीं की गई pashu chikitsak की तैनाती तो कैसे हो पशुओं का उपचार


वर्षों से नहीं की गई pashu chikitsak की तैनाती तो कैसे हो पशुओं का उपचार


Pashu chikitsak ki tainati na hone ke Karan पशुपालकों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। क्योंकि क्षेत्र के छह पशु सेवा केंद्र में से पांच वर्षों से चिकित्सक ही तैनात नहीं है। इससे पशुपालक अनट्रेंड चिकित्सकों से पशुओं का इलाज कराने को मजबूर हैं ।शिकायत के बावजूद भी शासन से पशु सेवा केंद्र पर चिकित्सको की तैनाती नहीं हो पाई है। जिससे पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Tahsil क्षेत्र में खेती के साथ पशुपालन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है ।यहां के पशुपालक दूध को दिल्ली व आसपास क्षेत्र में सप्लाई करते हैं । पशुपालन में किसानों की रूचि का अंदाजा क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख पशुओं की संख्या से लगाया जा सकता है ।लेकिन पशुपालकों को पशुओं के बीमार होने पर उपचार के लिए सिकंदराबाद पशु चिकित्सालय जाना पड़ता है या अनट्रेंड चिकित्सको का सहारा लेना पड़ता है।

कई बार गलत उपचार के बाद पशुओं की मौत भी हो जाती है। जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। क्षेत्र में दुलहरा ,सरायघासी ,इस्माइलपुर, मेहताबनगर तथा सावली में पशु सेवा केंद्र स्थापित हैं लेकिन मात्र दुलहेरा पशु सेवा केंद्र पर ही चिकित्सक की तैनाती है। सूत्रों के मुताबिक पशु चिकित्सालय सिकंदराबाद में भी कर्मियों की कमी है ।यहां भी सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मियों की तैनाती पशुपालन विभाग ने नहीं की है ।ऐसे में बारिश के मौसम में फैलने वाले रोगों से पशुपालक अपने पशुओं को कैसे बचाएं ।इस मौसम में गलाघोटू ,खुरपका ,मुंहपका जैसे भयंकर रोग पशुओं में फैलते हैं। जिनसे पशुओं की समय पर उपचार न मिलने के बाद मौत भी हो जाती है।

Post a Comment

please do not comment spam and link

और नया पुराने