
- कासगंज में 3 लोगों की हत्या कर फरार हुए बदमाश
- अखिलेश- प्रदेश की बागडोर अब बदमाशों के हाथ में
- दो लोग गोली लगने से घायल,
- रंजिश के चलते दिया वारदात को अंजाम
- 40 से 50 राउंड तक हुई फायरिंग
कासगंज ज़िले में एक ही परिवार के 3 लोगों की हत्याओं से प्रदेश दहल गया है. हत्यारों के फ़रार होने की ख़बर है. उप्र में धारावाहिक आपराधिक घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रदेश की बागडोर अब शायद भाजपा सरकार के हाथ से निकलकर बदमाशों के हाथों में चली गयी है. #नहीं_चाहिए_भाजपा#NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 26, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, कासगंज जिले में एक ही परिवार के 3 लोगों की हत्याओं से प्रदेश दहल गया है। हत्यारों के फरार होने की खबर है। उत्तर प्रदेश में धारावाहिक आपराधिक घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रदेश की बागडोर अब शायद भाजपा सरकार के हाथ से निकलकर बदमाशों के हाथों में चली गई है।
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आपराधिक गतिविधियों में तेजी
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों में तेजी आई है. पहले विकास दुबे गोली कांड और फिर कानपुर में लैब असिस्टेंट के अपरहरण के बाद हत्या से कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. इस बीच कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की.
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होडलपुर गांव की ग्रामप्रधान सत्यवती के ससुर राजपाल उर्फ बाबा पूर्व प्रधान हैं। गांव के बाहर बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान है। रविवार रात को उनका बेटा भूपेंद्र उर्फ रुद्र (25) भाई प्रेम सिंह (55) और उनका बेटा राधाचरन (27) दूसरा भाई प्रमोद और परिवार के ही गुड्डू दुकान से वापस आ रहे थे। इसी दौरान करीब 20 लोगों ने उन्हें बिजलीघर के पास घेर कर फायरिंग शुरू कर दी। इससे पांच लोगों को गोली लग गई। इसमें भूपेंद्र, प्रेम सिंह राधाचरन की मौके पर ही मौत हो गई और प्रमोद व गुड्डू घायल हो गए। दोनों को उपचार के लिे अलीगढ़ भेज दिया गया।
घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 40 से 50 राउंड फायरिंग हुई। आरोपी वारदात को अंजाम देकर भाग गए। जानकारी पर एसपी सुशील घुले, एएसपी आदित्य वर्मा सहित अन्य अधिकारी व पुलिसबल मौके पर पहुंच गया।
अधिकारियों और पुलिस का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने शव नहीं उठने दिए। आक्रोश को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा। बाद में पीएसी और अन्य थानों का पुलिसबल बुलाया गया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व प्रधान राजपाल उर्फ बाबा की डा. केके राजपूत से पुरानी रंजिश है। दो दशक पहले डा. केके के परिवार में किसी की हत्या की गई थी। इसमें पूर्व प्रधान जेल गए थे। इसके अलावा पिछले वर्ष गांव में एक जुलाई को ऑनर किलिंग की घटना हो गई थी। इस मामले को लेकर पूर्व प्रधान और डॉ. केके राजपूत के परिवारों में तल्खियां और बढ़ गईं थीं। इसी के चलते केके राजपूत के पक्ष ने घटना को अंजाम दिया है।
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